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Showing posts with the label शाहरूख खान

कुछ तो बात है इस खान में

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-अजय ब्रह्मात्‍मज अपनी हर फिल्म में दोनों हाथों को फैलाकर जब शाहरुख खान जुंबिश लेते हैं तो लगता है कि वे पूरी दुनिया को अपने अंकवार में भर लेना चाहते हैं। उनकी यह अदा सभी को भाती है। शाहरुख को भी पता है कि दर्शक उनकी इस भावमुद्रा का इंतजार करते हैं और उनके हाथों के फैलने के साथ सिनेमाघर सीटियों और सिसकारियों से गूंजने लगते हैं। यही कारण है कि हर विधा, विषय, भाव और पीरियड की फिल्मों में शाहरुख इसे दोहराने से नहीं हिचकते। ऐसी भावमुद्राओं की वजह से ही उनके आलोचक कहते हैं कि शाहरुख अपनी हर फिल्म में शाहरुख ही रहते हैं। मजेदार तथ्य यह है कि वे आलोचकों के इस आरोप से इत्तफाक रखते हैं। वे कहते हैं, मेरे प्रशंसक मेरी फिल्मों में मुझे देखने आते हैं। मैं उन्हें किसी और रूप और अंदाज से निराश नहीं कर सकता। इस तर्क के साथ वे यह जोडना नहीं भूलते कि मैंने फिर भी दिल है हिंदुस्तानी, अशोक, स्वदेस, पहेली और चक दे जैसी फिल्में भी की हैं। इन सारी फिल्मों में मैं बिलकुल अलग था। छोटे पर्दे का फौजी अलग तो हैं शाहरुख। दूरदर्शन के दिनों में फौजी और सर्कस जैसे धारावाहिकों से ही उन्हें राष्ट्रीय पहचान मिल गई थी।

मजा देगा जोर का झटका

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-अजय ब्रह्मात्‍मज दिल से दिमाग तक या शरीर के किसी भी हिस्से में.. कहींभी लग सकता है 'जोर का झटका'। इमेजिन के नए रिएलिटी शो से एंटरटेनमेंट का झटका देने आ रहे शाहरुख खान टीवी पर आप क्या देखते हैं? मुझे व्यक्तिगत तौर पर क्विजिंग, स्पोर्ट्स शो अच्छे लगते हैं। खेल देखने में रोमाच बना रहता है। रिएलिटी शो का अलग मजा है। आजकल रिएलिटी शो की माग बढ़ गई है। क्या वजह हो सकती है? मुझे लगता है कि फन, फिक्शन और स्पोर्ट्स के तत्व एक साथ रिएलिटी शो में मिलते हैं, इसलिए लोग ज्यादा पसद करते हैं। आप कौन से रिएलिटी शो देखना पसद करते हैं? मुझे डास के शो अच्छे लगते हैं। सब देख पाना मुमकिन नहीं है। फिल्म के प्रोमोशन के समय पता चलता है कि कौन सा देखना है? कुछ शो हैं, जिनमें हम दूसरों की जिंदगी में झाकने की कोशिश करते हैं। मुझे वे अच्छे नहीं लगते। मुझे लगता है कि क्या किसी और की जिंदगी में झाकना? जब अपनी जिंदगी में ही इतने उतार-चढ़ाव हैं। टीवी काफी तेजी से हमारे जीवन में प्रवेश कर रहा है? बिल्कुल, यह इंटरेक्टिव होता जा रहा है। कुछ समय के बाद ऐसा होगा कि हम टीवी के होस्ट से सीधी बातचीत कर सकें। यह हमारे

आन बान और खान-सौम्‍या अपराजिता/रघुवेंद्र सिंह

देखते ही देखते सलमान खान की दबंग ने आमिर खान की 3 इडियट के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को पीछे छोड़ दिया। दबंग ने पहले हफ्ते में 81 करोड़ रुपए से अधिक का व्यवसाय किया, जबकि 3 इडियट ने 80 करोड़ रुपए की कमाई की थी। बॉक्स ऑफिस पर इस नए रिकॉर्ड को कायम कर सलमान ने आमिर से बाजी मारते हुए शाहरुख के लिए चुनौती पेश की है। रा.वन फिल्म से अब इस चुनौती पर खरा उतरना शाहरुख खान की आन, बान और शान के लिए जरूरी हो गया है। उनके सामने पहले ही हफ्ते में 80-81 करोड़ रुपए से अधिक कमाई करने की चुनौती रहेगी। [स्टार पॉवर की होगी परीक्षा] ''दबंग के रिकॉर्ड को शाहरुख अवश्य चुनौती के रूप में लेंगे। यह उनकी फितरत है। वे हर चीज को चुनौती के रूप में लेते हैं'', वरिष्ठ फिल्म पत्रकार मीना अय्यर के इस कथन से ज्ञात होता है कि दबंग से मिली चुनौती से शाहरुख खान भली-भांति वाकिफ हैं। जब भी सलमान या आमिर की कोई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफलता के नए सोपान छूती है, तब उनके स्टार पॉवर की परीक्षा की घड़ी आ जाती है। ऐसा ही कुछ दबंग की रिलीज के बाद हो रहा है। ट्रेड व‌र्ल्ड एवं फिल्म इंडस्ट्री में इस बात पर बहस छिड़ चुकी है कि क्

दरअसल :सूचनाओं का व्‍यसन है ट्विटर

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-अजय ब्रह्मात्‍मज   पिछले दिनों अमिताभ बच्चन भी ट्विटर पर आ गए। उन्होंने अपना नाम सीनियर बच्चन रखा है। यह ठीक भी है, क्योंकि अभिषेक बच्चन पहले से ही जूनियर बच्चन के नाम से ट्विट कर रहे हैं। बच्चन पिता-पुत्र के साथ हिंदी फिल्मों के अनेक सितारे ट्विटर पर हैं। पापुलर सितारों में शाहरुख खान, सलमान खान, रितिक रोशन, अर्जुन रामपाल, शाहिद कपूर, प्रियंका चोपड़ा, मल्लिका शेरावत, गुल पनाग, लारा दत्ता, दीपिका पादुकोण आदि रेगुलर ट्विट करते हैं। यहां से इनके प्रशंसकों को सारी ताजा सूचनाएं मिलती रहती हैं। साथ ही सितारों को फीडबैक भी मिल जाता है। कम से कम उन्हें अंदाजा हो जाता है कि उनके प्रशंसक क्या सोच रहे हैं? शाहरुख खान ट्विट के मामले में सबसे बेहतर हैं। उनका विनोदी स्वभाव, बीवी-बच्चों से लगाव, दोस्तों से बर्ताव और मानवता के लिए सद्भाव सब कुछ 140 अक्षरों में अच्छी तरह व्यक्त हो जाता है। उनके संवाद में मैत्री भाव रहता है। वे कभी आतंकित नहीं करते और न ही अपने दर्शन से बोर करते हैं। माय नेम इज खान की रिलीज के समय उन्होंने ट्विट करना आरंभ किया और तब से हर महत्वपूर्ण जानकारी उन्होंने ट्विट के माध्यम स

रा.वन की जानकारी शाहरूख खान के ट्विटों से

- अजय ब्रह्मात्‍मज   फिल्म बनाना प्रेम करने की तरह है..फन ़ ़ ़एक्साइटिंग ़ ़ ़ सेक्सी ़ ़ ़ और आपको मालूम नहीं रहता कि आखिरकार वह क्या रूप लेगा? अगर फिल्म रा.वन हो तो इन सारे तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है और उसी अनुपात में बढ़ती है हमारी जिज्ञासा। शाहरुख खान की रा.वन निश्चित ही 2010 की महत्वाकांक्षी फिल्म होगी। अनुभव सिन्हा के निर्देशन में बन रही इस फिल्म के हीरो ़ ़ ़ ना ना 'सुपरहीरो' हैं शाहरुख खान। कहते हैं शाहरुख खान अपने बेटे आर्यन, उसके दोस्तों और उसकी उम्र के तमाम बच्चों के लिए इस फिल्म का निर्माण कर रहे हैं। वे देश के बच्चों को 'देसी सुपरहीरो' देना चाहते हैं। शाहरूख खान ट्विटर पर लिखते हैं कि जब वे छोटे बच्चे थे तो बड़ी बहन के टाइट्स के ऊपर अपना स्विमिंग सूट पहन कर गर्दन में तौलिया बांध कर उड़ने की कोशिश करते थे। उस समय वे निश्चित ही अपनी चौकी, खाट या पलंग से फर्श पर गिरे होंगे। चालीस सालों के बाद उनके बचपन की ख्वाहिश बेटे की इच्छा के बहाने उड़ने जा रही है। अनुभव सिन्हा के निर्देशन में विदेशी तकनीशियनों की मदद से यह मुमकिन हो रहा है। साल भर पहले तक अनुभव सिन्हा निश

फिल्‍म समीक्षा : माय नेम इज खान

साधारण किरदारों की विशेष कहानी -अजय ब्रह्मात्‍मज करण जौहर ने अपने सुरक्षित और सफल घेरे से बाहर निकलने की कोशिश में माय नेम इज खान जैसी फिल्म के बारे में सोचा और शाहरुख ने हर कदम पर उनका साथ दिया। इस फिल्म में काजोल का जरूरी योगदान है। तीनों के सहयोग से फिल्म मुकम्मल हुई है। यह फिल्म हादसों से तबाह हो रही मासूम परिवारों की जिंदगी की मुश्किलों को उजागर करने के साथ धार्मिक सहिष्णुता और मानवता के गुणों को स्थापित करती है। इसके किरदार साधारण हैं, लेकिन फिल्म का अंतर्निहित संदेश बड़ा और विशेष है। माय नेम इज खान मुख्य रूप से रिजवान की यात्रा है। इस यात्रा के विभिन्न मोड़ों पर उसे मां, भाई, भाभी, मंदिरा, समीर, मामा जेनी और दूसरे किरदार मिलते हैं, जिनके संसर्ग में आने से रिजवान खान के मानवीय गुणों से हम परिचित होते हैं। खुद रिजवान के व्यक्तित्व में भी निखार आता है। हमें पता चलता है कि एस्परगर सिंड्रोम से प्रभावित रिजवान खान धार्मिक प्रदूषण और पूर्वाग्रहों से बचा हुआ है। मां ने उसे बचपन में सबक दिया था कि लोग या तो अच्छे होते हैं या बुरे होते हैं। वह पूरी दुनिया को इसी नजरिए से देखता है।

फिल्‍म समीक्षा : दूल्‍हा मिल गया

अधूरी कहानी, कमजोर फिल्म -अजय ब्रह्मात्‍मज डायरेक्टर और अभिनेत्री के बीच समझदारी और केमिस्ट्री हो तो फिल्म बहुत अच्छी बनती है। राज कपूर से लेकर संजय लीला भंसाली तक की फिल्में उदाहरण के रूप में देखी जा सकती हैं। बहरहाल, हर नियम के अपवाद होते हैं। मुदस्सर अजीज की फिल्म दूल्हा मिल गया ऐसी ही अपवाद फिल्म है। सुष्मिता सेन, शाहरुख खान और फरदीन खान की मौजूदगी और विदेशों के आकर्षक लोकेशन के बावजूद फिल्म बांध नहीं पाती। ऐय्याश और फिजूलखर्ची के शौकीन बेटे को वसीयत से सुधारने की पुरानी तरकीब में नए किस्म के छल-प्रपंच, प्रेम और सहानुभूति को जोड़कर बनी दूल्हा मिल गया में कई पुरानी फिल्मों की झलकियां मिल सकती हैं। मुदस्सर अजीज के पास कहानी का ढांचा नहीं है। वे एकसामान्य कहानी को दूसरी फिल्मों के दृश्य से सजाते चले जाते हैं। यहां तक कि मुख्य किरदारों का भी विश्वसनीय चरित्रांकन नहीं कर पाते। शाहरुख खान को उपयोग के लिए जबरदस्ती पीआर जी का कैरेक्टर गढ़ा गया है। अपनी व्यस्तता के बीच से समय निकालकर शाहरुख खान ने बेमन से शूटिंग पूरी करने की औपचारिकता निभा दी है। सुष्मिता सेन के लिए अपने किरदार को

खान-तिकड़ी का जलवा शबाब पर

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-अजय ब्रह्मात्‍मज आमिर, शाहरुख और सलमान ने अपनी पिछली फिल्मों से साबित कर दिया है कि वे लोकप्रियता के सिंहासन पर टिके रहेंगे। खान-तिकड़ी की फिल्मों की समानता और कामयाबी पर एक नजर. हम सभी उन्हें खान-तिकड़ी के नाम से जानते हैं। पिछले 15-20 सालों से वे हिंदी फिल्मों में सक्रिय हैं और उन्होंने कामयाबी और लोकप्रियता की नई मिसाल कायम की है। संयोग ही है कि तीनों का जन्म 1965 में हुआ। खान-तिकड़ी में आमिर खान सबसे बड़े हैं। उनका जन्म 14 मार्च को हुआ। शाहरुख खान 2 नवंबर को पैदा हुए और सलमान खान 27 दिसंबर को..तीनों ने आगे-पीछे फिल्मों में शुरुआत की। इनमें आमिर और सलमान फिल्म परिवारों से हैं। शाहरुख दिल्ली से आए। उन्होंने टीवी सीरियल से शुरुआत की। आज तीनों ही फिल्म इंडस्ट्री और दर्शकों के दिलों पर राज कर रहे हैं। हिंदी फिल्मों के हीरो की औसत उम्र 18-25 लेकर चलें तो तीनों लगभग बीस साल बड़े हैं, लेकिन तीनों ही किसी यंग एक्टर से उन्नीस नहीं दिख रहे हैं। उनकी कामयाबी की वजह खोजने चलें, तो सबसे पहले उनकी फिल्मों की सफलता और स्वीकृति पर नजर जाती है। चालीस से अधिक उम्र के तीनों खानों ने मिल कर फिल्म इंडस