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सिनेजीवन : पाकिस्तान की काबिल और कामयाब अभिनेत्री हैं माहिरा खान

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  सिनेजीवन पाकिस्तान की काबिल और कामयाब अभिनेत्री हैं माहिरा खान - अजय ब्रह्मात्मज पिछले हफ्ते पाकिस्तान की जर्नलिस्ट मेहर तरार के एक ट्वीट ने ध्यान खींचा। इस ट्वीट में उन्होंने पाकिस्तान की अभिनेत्री माहिरा खान की तारीफ की थी।   मेहर ने उस ट्वीट के साथ माहिरा खान का एक वीडियो लिंक भी डाला था। वह लिंक उनके किसी टीवी शो या फिल्म का टुकड़ा नहीं था। 2017 में माहिरा ने ग्लोबल एजुकेशन एंड स्किल्स फोरम को इंटरनेशनल डेलीगेट्स के साथ सम्बोधित किया था। मैंने माहिरा का सम्बोधन सुना और तारीफ के मुताबिक उन्हें काबिल पाया। भारत हो या पाकिस्तान..... फिल्म अभिनेत्रियों के बारे में हमारी स्वाभाविक धारणा है कि वे सिर्फ नाच-गाना और मुस्कुराना जानती हैं। यह सही है कि फिल्मों के कलाकार (अभिनेत्री व् अभिनेता दोनों) राजनितिक रूप से अधिक समझदार नहीं होते , फिर भी देखा गया है कि मौका मिलने पर प्रबुद्ध श्रोताओं को वे निराश नहीं करते।   भारत की अभिनेत्रियों में आसानी से प्रियंका चोपड़ा का नाम लिया जा सकता है। मैंने खुद विदेशों में उन्हें पूरी तल्लीनता से ऐसे विमर्शों में भागीदारी करते देखा और

सिनेमालोक : मंटो और इस्मत साथ पहुंचे कान

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सिनेमालोक मंटो और इस्मत साथ पहुंचे कान - अजय ब्रह्मात्मज कैसा संयोग है ? इस्मत चुगताई और सआदत हसन मंटो एक-दूसरे से इस कदर जुड़ें हैं कि दशकों बाद वे एक साथ कान फिल्म फेस्टिवल में नमूदार हुए। इस बार दोनों सशरीर वहां नहीं थे , लेकिन उनकी रचनाएं फिल्मों की शक्ल में कान पहुंची थीं। मंटो के मुश्किल दिनों को लेकर नंदिता दास ने उनके ही नाम से फिल्म बनाई है ‘ मंटो ’. इस फिल्म में नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी शीर्षक भूमिका निभा रहे हैं। यह फिल्म कान फिल्म फेस्टिवल ‘ उन सर्टेन रिगार्ड ’ श्रेणी में प्रदर्शित हुई। वहीँ इस्मत चुगताई की विवादस्पद कहानी ‘ लिहाफ ’ पर बानी फिल्म का फर्स्ट लुक जारी किया गया। इसका निर्देशन रहत काज़मी ने किया है और तनिष्ठा चटर्जी व् सोना चौहान ने इसमें मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। दोनों अपनी रचनाओं पर बानी फिल्मों के बहाने एक साथ याद किये गए।   इस्मत और मंटो को पढ़ रहे पाठकों को मालूम होगा कि दोनों ही अपने समय के बोल्ड और और रियलिस्ट कथाकार थे। दोनों के अफसानों में आज़ादी के पहले और दरमियान का समाज खुले रूप में आता है। उन्होंने अपने समय की नंगी सच्चाई का वस्त

अब मेरे पास लोगों के सवालों के जवाब हैंः अभिनेता विनीत कुमार सिंह

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-अजय ब्रह्मात्मज विनीत कुमार सिंह को एक उभरता हुआ अभिनेता कहना ठीक नहीं होगा। वे पिछले करीब 18 वर्षों से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। कई फिल्मों में छोटे-छोटे किरदार निभाने के बाद अब जाकर इंडस्ट्री में उनकी खास पहचान बनी है।  विनीत कुमार सिंह ने करीब 18 साल पहले एक टैलेंट हंट के जरिये मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था। उन्होंने बहुत सारे छोटे-छोटे किरदार निभाये, फिल्म ‘चेन कुली की मेन कुली की’ (2007) का सहायक निर्देशन भी किया, लेकिन उनकी अलग पहचान बनी फिल्म ‘बॉम्बे टॉकीज’ (2013) और ‘गैंग्स ऑफ वासीपुर’ (2012) से। उसके बाद जब अनुराग कश्यप की ‘अग्ली’ (2013) का कान फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शन हुआ तो लोगों ने उनके अभिनय की काफी सराहना की। लेकिन अब भी वे बतौर अभिनेता कमर्शियल सफलता से दूर थे। लेकिन ये साल उनके लिए बहुत खुशकिस्मत रहा। ‘मुक्काबाज’ में उनके अभिनय और पटकथा को ना सिर्फ सराहा गया बल्कि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा प्रदर्शन किया। उसके बाद आई सुधीर मिश्र की ‘दास देव’, जिसका प्रदर्शन तो औसत रहा, लेकिन विनीत ने अपने सशक्त अभिनय से फिल्म में एक

दरअसल : नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी की ‘मंटो’

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दरअसल नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी की ‘ मंटो ’ - अजय ब्रह्मात्मज भारत से कुछ फ़िल्मकार , पत्रकार और समीक्षक मित्र कान फिल्म फेस्टिवल गए हैं। उनकी राय , टिपण्णी और समीक्षा पर यकीन करें तो नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी की ‘ मंटो ’ इस साल की बहुप्रतीक्षित फिल्म होगी। यह फिल्म कान फिल्म फेस्टिवल के ‘ उन सर्टेन रिगार्ड ’ खंड के लिए चुनी गयी है। इस फिल्म की निर्देशक नंदिता दास हैं। कान फिल्म फेस्टिवल की क्रिएटिव पवित्रता और वस्तुनिष्ठता बची हुई है। दुनिया भर के बेहतरीन फ़िल्में यहाँ देखने को मिल जाती हैं। यह पता चल जाता है कि इस साल का इंटरनेशनल सिनेमा सीन कैसा रहेगा ? वहां दिखाई जा चुकी फ़िल्में कुछ महीनों के बाद घूमती हुई देश के विभिन्न शहरों में आयोजित फिल्म फेस्टिवल में पहुंचेंगी। मैं ‘ मंटो ’ को नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी की फिल्म कह रहा हूँ। उन्होंने ही फिल्म में शीर्षक भूमिका निभाई है। कह सकते हैं कि किरदारों पर भी कलाकारों के नाम लिखे होते हैं। 2005 से सआदत हसन मंटो के जीवन पर फिल्म बनाने की कोशिशें जारी हैं। अनेक निर्देशकों ने सोचा। कुछ कलाकारों ने तैयारी की। बात आयी-गयी और फ़िल्में