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सिनेमालोक : बेहतरीन प्रयास है ‘सेक्रेड गेम्स’

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सिनेमालोक बेहतरीन प्रयास है ‘ सेक्रेड गेम्स ’ - अजय ब्रह्मात्मज अश्वत्थामा , हलाहल , अतापी वतापी , ब्रह्मास्त्र सरम , प्रेतकल्प , रूद्र और ययाति… यह नेटफ्लिक्स पर आरंभ हुए सेक्रेड गेम्स के 8 अध्याय हैं. इन्हें हम 8 एपिसोड के रूप मे देखेंगे. ‘ सेक्रेड गेम्स ’   विक्रम चंद्रा का उपन्यास है. यह 2006 में प्रकाशित हुआ था. 900 से अधिक पृष्ठों के इस उपन्यास को वरुण ग्रोवर , वसंत नाथ और स्मिता सिंह ने वेब सीरीज के रूप में ढाला है. रूपांतरण की प्रक्रिया लंबी और श्रमसाध्य रही. तीनों लेखकों ने वेब सीरीज के लिए उचित प्रसंगों , किरदारों और विवरणों में काट-छांट की है. कुछ घटाया है तो कुछ जोड़ा भी है. दरअसल , अभिव्यक्ति के दो भिन्न माध्यम होने की वजह से यह रूपांतरण जरूरी हो जाता है. उपन्यास पढ़ते वक्त हम लेखक के विवरणों के आधार पर दृश्य और किरदारों की कल्पना करते हैं. लेखक शब्दों के माध्यम से स्थान , माहौल और चरित्रों का चित्रण करता है. वह पाठक की कल्पना को उड़ान देता है. लेखक और पाठक के बीच कोई तीसरा नहीं होता. इससे भिन्न दृश्य माध्यम में उस उपन्यास को एक लेखक स्क्रिप्ट में बदलता

मर्द की भाषा औरतें क्यों नहीं बोल सकती? -रिचा चड्ढा

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फिल्म लांड्री मर्द की भाषा औरतें क्यों नहीं बोल सकती? -रिचा चड्ढा  -अजय ब्रह्मात्मज  आतंकवादियों ने कश्मीर के पत्रकार शुजात बुखारी पर कातिलाना हमला किया और उनकी हत्या कर दी.मीडिया और राजनीतिक हलके कि लिए यह बड़ी खबर थी.सभी महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने आतंकवादियों के इस कृत्य की निंदा की. ऐसे मौकों पर फिल्म बिरादरी खामोश रहती है.राजनीतिक समझ और पक्षधरता की कमी से उनकी प्रतिक्रियाएं नहीं आती हैं.रिचा चड्ढा अपवाद हैं.वह चुप नहीं रहतीं.उस दिन उन्होंने ट्वीट किया,’कायरों ने शुजात बुखारी की हत्या कर दी.आप अपनी ताकत नहीं दिखा रहे हो.आप बता रहे हो कि आप शांति नहीं चाहते.पत्रकारिता खतरनाक काम नहीं होना चाहिए.’यह ताज़ा प्रसंग है.रिचा ज्वलंत मुद्दों पर अपना पक्ष रखने से नहीं हिचकतीं.फिल्म इंडस्ट्री का मामला हो या व्यापक समाज का...हर ज्वलंत मुद्दे पर रिचा मुखर रहती हैं.पिछले दिनों उनसे मुलाक़ात हुई तो मेरी जिज्ञासा उनके १० साल के करियर को लेकर थी.इस साल नवम्बर में उन्हें फिल्मों में आये १० साल हो जायेंगे.उनकी पहली फिल्म ‘ओये लकी लकी ओये’ २८ नवम्बर २०१८ को रिलीज हुई थी. रिचा नहीं मानत