ज्ञान का प्रवाह है उपनिषद गगा
-अजय ब्रह्मात्मज दूरदर्शन पर 11 मार्च से आरंभ होगा डॉ. चद्रप्रकाश द्विवेदी लिखित और निर्देशित 'उपनिषद गगा' का प्रसारण। इस धारावाहिक के कथ्य, शिल्प और प्रस्तुति के बारे में बता रहे हैं डॉ. चद्रप्रकाश द्विवेदी भारत की आध्यात्मिक धरोहर उपनिषद को मैं भारत की आध्यात्मिक धरोहर मानता हूं। उस समय के चितकों जिन्हें हमलोग ऋषि कहते हैं, उन्हें मैं सामाजिक वैज्ञानिक कहता हूं। उनके विचारों में भारत एक भौगोलिक इकाई के रूप में नहीं रहता। वे समग्र विश्व समुदाय पर विमर्श करते हैं। उनके चितन में सघर्ष-द्वंद्व की समाप्ति और सपूर्ण मानव जाति के सुख के विषय होते थे। पूरे ब्रह्माण्ड में वे एक ऐसी कल्पना को ढूंढ रहे हैं, जिससे उसकी एकात्मता को सिद्ध किया जा सके। यह एकात्मता उनकी कल्पना है या यथार्थ है, इस सदर्भ में ऋषियों का समग्र चितन और चितन के कारण मानवता के समक्ष खड़े प्रश्नों के उत्तार ढूंढने की कोशिश ही वेदात है। वेदात के बाद तमाम लोगों ने उस पर भाष्य और कई चीजें लिखीं, जो एक वृहद प्राचीन भारतीय साहित्य बना। यह साहित्य समय के साथ लुप्त हो रहा है। चिन्मय मिशन की क्रिएटिव विग चिन्मय क्रिएशन ने इ