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जोखिम से मिलेगी जीत

-अजय ब्रह्मात्‍मज मध्य प्रदेश, कश्मीर, महाराष्ट्र और केरल के दूर-दराज इलाकों में फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त इन हीरोइनों के पास न तो मुंबई के स्टूडियो का सुरक्षित माहौल है और न वे सारी सुविधाएं हैं, जिनकी उन्हें आदत पड़ चुकी है। सभी हर प्रकार से जोखिम के लिए तैयार हैं। ग्लैमर व‌र्ल्ड की चकाचौंध से दूर प्राकृतिक वातावरण में धूल-मिट्टी, हवा, जंगल और बगीचे में फिल्म की जरूरत के मुताबिक परिधान पहने इन हीरोइनों को देखकर एकबारगी यकीन नहीं होता कि अभी कुछ दिनों और घंटों पहले तक वे रोशनी में नहाती और कमर मटकाती हीरो के चारों ओर चक्कर लगा रही थीं। साफ दिख रहा है कि हिंदी फिल्मों की कहानी बदल रही है और उसी के साथ बदल रही है फिल्मों में हीरोइनों की स्थिति और भूमिका। फार्मूलाबद्ध कामर्शियल सिनेमा में आयटम गर्ल और ग्लैमर डॉल की इमेज तक सीमित हिंदी फिल्मों की हीरोइनों के बारे में कहा जाता रहा है कि वे नाच-गाने के अलावा कुछ नहीं जानतीं। ऐसे पूर्वाग्रही भी चारों सीनों में क्रमश: कट्रीना, प्रियंका, दीपिका और ऐश्वर्या की मौजूदगी से महसूस करेंगे कि हीरोइनों ने कुछ नया करने की ठान ली है। कुछ भी कर गुजरने

13 खिलाड़ी 1 प्रियंका चोपड़ा

प्रियंका चोपड़ा जल्द ही कलर्स के रिएलिटी शो 'खतरों के खिलाड़ी' के नए सीजन में मेजबान की भूमिका निभाएंगी। इससे पहले भी वह 'डॉन' और 'द्रोण' में एक्शन के कारनामे दिखा चुकी हैं। एक खास बातचीत में उन्होंने बताया कि मेरे पास टीवी शो के आफर आते रहते हैं। मैंने खतरों के खिलाड़ी के लिए इसलिए हां किया कि यह मेरी पर्सनालटी से मेल खाता है। मैं बहुत ही एडवेंचरस, आउटगोइंग और स्पोर्टी हूं। मुझे लगा कि इस शो को मैं अच्छी तरह कर सकती हूं। प्रियंका मानती हैं कि अक्षय कुमार पिछले दो सीजन में इसे एक ऊंचाई पर ले जा चुके थे। मुझे सिर्फ उसे आगे लेकर जाना है। प्रियंका बताती हैं कि मैं अभी 'डॉन-2' की तैयारी कर रही हूं। उसमें भी काफी एक्शन है। फिल्मों के एक्शन एसपीरिएंस मेरे काम आएंगे। इस शो के लिए मुझे थोड़ी ट्रेनिंग लेनी होगी और ज्यादा फिट होना होगा। इस बार शो को रोमांचक बनाने के लिए प्रतियोगियों के रूप में 13 भारतीय और इंटरनेशनल क्रिकेट खिलाड़ी चुने जाएंगे। चूंकि सारे प्रतियोगी पुरूष हैं, इसलिए खतरों का लेवल ऊंचा रहेगा। कुछ स्टंट तो मैं खुद भी करूंगी ताकि प्रतियोगियों को प्रोत्साहन

फिल्‍म समीक्षा : प्‍यार इंपासिबल

पासिबल है प्‍यार सामान्य सूरत का लड़का और खूबसूरत लड़की ़ ़ ़ दोनों के बीच का असंभावित प्यार ़ ़ ़ इस विषय पर दुनिया की सभी भाषाओं में फिल्में बन चुकी हैं। उदय चोपड़ा ने इसी चिर-परिचित कहानी को नए अंदाज में लिखा है। कुछ नए टर्न और ट्विस्ट दिए हैं। उसे जुगल हंसराज ने रोचक तरीके से पेश किया है। फिल्म और रोचक हो जाती, अगर उदय चोपड़ा अपनी भूमिका को लेकर इतने गंभीर नहीं होते। वे अपने किरदार को खुलने देते तो वह ज्यादा सहज और स्वाभाविक लगता। अलीशा का दीवाना है अभय, लेकिन वह अपनी भावनाओं का इजहार नहीं कर पाता। वह इंटेलिजेंट है, लेकिन बात-व्यवहार में स्मार्ट नहीं है। यही वजह है कि पढ़ाई पूरी होने तक वह आई लव यू नहीं बोल पाता। सात सालों के गैप के बाद अलीशा उसे फिर से मिलती है। इन सात सालों में वह एक बेटी की मां और तलाकशुदा हो चुकी है। वह सिंगापुर में सिंगल वर्किंग वीमैन है। इस बीच अभय ने अपने सेकेंड लव पर ध्यान देकर एक उपयोगी साफ्टवेयर प्रोग्राम तैयार किया है, लेकिन उसे कोई चुरा लेता है। उस व्यक्ति की तलाश में अभय भी सिंगापुर पहुंच जाता है। परिस्थितियां कुछ ऐसी बनती है कि वह अलीशा क