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बॉक्स ऑफिस :२०.०५.२००८

औसत कारोबार कर लेगी जन्नत जन्नत हिट हो गयी है। फिल्म से संबंधित एक प्रमुख व्यक्ति का यही एसएमएस आया तो लगा कि हर फिल्म की रिलीज के बाद उस यूनिट के लोगों द्वारा किए जाने वाले झूठे प्रचार का ही यह हिस्सा होगा। लेकिन सप्ताहांत के तीन दिनों में जन्नत ने उम्मीद से ज्यादा बिजनेस किया और सचमुच हिट होने की दिशा में अग्रसर दिखी। कुणाल देशमुख निर्देशित जन्नत से ज्यादा उम्मीद नहीं की गयी थी। इमरान हाशमी का मार्केट पिछली कुछ फिल्मों से ढीला ही चल रहा था। नायिका सोनल चौहान एकदम नयी थीं। फिर भी जन्नत को दर्शकों ने पसंद किया। फिल्म का आरंभिक कलेक्शन 90 फीसदी तक पहुंचा। सोमवार से फिल्म के कलेक्शन में थोड़ी गिरावट आई है। इस हफ्ते की फिल्मों को दर्शक मिले तो जन्नत का कलेक्शन और घटेगा। फिर भी माना जा रहा है कि जन्नत औसत कारोबार कर लेगी और और कम बजट के कारण निर्माताओं के लिए फायदेमंद साबित होगी। भूतनाथ को शहरों में दर्शकों ने पसंद किया। खास कर बच्चे इसे देख रहे हैं और उन्हें दिखाने के चक्कर में परिवार के बड़ों को भी इसे देखना पड़ रहा है। भूतनाथ के साथ रिलीज हुई जिम्मी सिनेमाघरों से उतर रही है। यशराज फिल्म

बॉक्स ऑफिस:०८.०५.२००८

फिल्म कामेडी हो या सस्पेंस या फिर सामाजिक रूप में प्रासंगिक, दर्शक उन्हीं फिल्मों को पसंद करते हैं, जो अच्छी बनी हो। पिछले हफ्ते की रिलीज फिल्मों को देखें तो तीनों फिल्में अलग-अलग मिजाज की थीं। उम्मीद की जा रही थी कि कामेडी और सस्पेंस को ठीक-ठाक दर्शक मिल जाएंगे, लेकिन अफसोस की बात है कि तीनों ही फिल्में बाक्स आफिस पर गिर पड़ीं। आश्चर्य ही हो रहा है कि किसी भी फिल्म को 25 प्रतिशत से अधिक की ओपनिंग नहीं मिली। प्रणाली का विषय अच्छा था, पर फिल्म इतनी बुरी थी कि कुछ दर्शक इंटरवल के बाद थिएटर में नहीं लौटे। मिस्टर ह्वाइट और मिस्टर ब्लैक की कामेडी दर्शकों को नहीं भायी। अरशद वारसी और सुनील शेट्टी की जोड़ी दर्शकों को पसंद नहीं आई। अनामिका का सस्पेंस इतना ठहरा हुआ था कि दर्शक ऊब गए। तात्पर्य यह कि तीनों ही फिल्मों को दर्शकों ने नकार दिया। फिल्मों में ऐसा आकर्षण नहीं है कि अब कोई उम्मीद की जा सके। पहले की फिल्मों में टशन ने यशराज फिल्म्स को गहरा झटका दिया। फिल्म एक हफ्ते के बाद मल्टीप्लेक्स में रिलीज हुई, लेकिन तब तक इतना कुप्रचार हो चुका था कि दर्शक पहुंचे ही नहीं। ट्रेड विशेषज्ञों के मुताबिक ट

बॉक्स ऑफिस:०१.०५.२००८

यशराज फिल्म्स ने सोचा नहीं होगा कि उनके साथ ऐसा हो सकता है। मल्टीप्लेक्स के मालिकों ने उनकी एक नहीं सुनी और उनकी शर्तो पर समझौते के लिए तैयार नहीं हुए। नतीजा यह हुआ कि टशन मल्टीप्लेक्स में रिलीज ही नहीं हो पाई। इससे यशराज फिल्म्स को भारी नुकसान उठाना पड़ा। पहले तीन दिन या सप्ताहांत की कमाई पर केंद्रित मार्केटिंग इस बार चल नहीं पाई। टशन सिर्फ सिंगल स्क्रीन थिएटर में रिलीज हो सकी। वहां भी प्रदर्शन इतना शानदार नहीं रहा कि भरपाई हो सके। पहले दिन 60 से 65 प्रतिशत कलेक्शन रहा। दर्शकों ने टशन को सिरे से नकार दिया और एक तरह से यशराज फिल्म्स की मनोरंजन की मनमानी पर लगाम लगा दी। हालांकि बीते हफ्ते बाक्स आफिस पर टशन के मुकाबिल कोई दमदार फिल्म नहीं थी, इसके बावजूद टशन का जश्न नहीं मन सका। उम्मीद नहीं है कि टशन के कलेक्शन में अब कोई सुधार होगा। पिछले हफ्ते की दूसरी फिल्म सिर्फ को समीक्षकों की सराहना मिली, किंतु समुचित प्रचार और वितरण के अभाव में सिर्फ दर्शकों को आकर्षित नहीं कर सकी। इस हफ्ते तीन फिल्में रिलीज हो रही हैं। अनंत महादेवन की अनामिका, दीपक शिवदासानी की मिस्टर ह्वाइट मिस्टर ब्लैक और हिरदे

बॉक्स ऑफिस:२४.०४.२००८

तनुजा चंद्रा की होप एंड ए लिटिल शुगर से फिल्म इंडस्ट्री को बहुत लिटिल होप थी। एक तो यह फिल्म अंग्रेजी में है और सीमित प्रिंट के साथ रिलीज हुई है। रिलीज होने के बाद दर्शकों ने पाया कि फिल्म में दम नहीं है। विषय अच्छा था। फिल्म नहीं बन सकी। यह समस्या कई फिल्मकारों के साथ है कि वे संवेदनशील विषय चुनते हैं, पर फिल्म पूरी करने में चूक जाते हैं। इससे विषय का नुकसान हो जाता है। दावा है कि अजय देवगन की यू मी और हम ने दस दिनों में 41 करोड़ का बिजनेस कर लिया है और पहली बार अजय की फिल्म विदेशों में चल रही है। इस फिल्म को समीक्षकों ने सराहा, लेकिन फिल्म अध्येताओं को यू मी और हम अच्छी नहीं लगी। जयदीप सेन की क्रेजी 4 सामान्य बिजनेस कर रही है। लगता है कॉमेडी फिल्मों के प्रति दर्शक उदासीन हो रहे हैं या फिर कॉमेडी के नाम पर उदासी परोसी जा रही है। यू मी और हम तथा क्रेजी 4 औसत फिल्में साबित होंगी। इस हफ्ते 2008 की पहली छमाही की धमाकेदार फिल्म टशन का इंतजार है। यशराज फिल्म्स की टशन बॉक्स ऑफिस की रंगत बदल सकती है।

बॉक्स ऑफिस: १७.०४.२००८

अभिनेता से निर्देशक बने अजय देवगन की फिल्म यू मी और हम को पूरी सराहना मिली, लेकिन उसे आमिर खान की फिल्म तारे जमीन पर जैसी कामयाबी नहीं मिल सकी। फिर भी महानगरों में इस फिल्म को दर्शक मिले और ऐसा कहा जा रहा है कि मौखिक प्रचार से फिल्म को फायदा हुआ। सोमवार को इस फिल्म का बिजनेस उस रफ्तार से नहीं घटा, जिसकी आशंका थी। हालांकि फिल्म छोटी थी, पर इंटरवल के बाद के अनावश्यक विस्तार के कारण फिल्म लंबी लगी। फिल्म रोचक न लगे तो दो घंटे की फिल्म भी लंबी लग सकती है। जयदीप सेन निर्देशित क्रेजी 4 ने बॉक्स आफिस पर सामान्य बिजनेस किया। यों उम्मीद थी कि रितिक रोशन और शाहरुख खान के आयटम की वजह से दर्शकों की भीड़ बढ़ेगी। शायद दर्शक समझदार हो गए हैं। वे आयटम सॉन्ग के झांसे में नहीं आते। और फिर इस फिल्म को लेकर उठा विवाद राकेश रोशन के हित में नहीं रहा। फिल्म में चार प्रतिभाशाली कलाकार थे, लेकिन उन्हें ऐसी स्क्रिप्ट नहीं मिली कि वे कमाल दिखा सकें। पिछली फिल्मों में शौर्य और भ्रम के दर्शक निरंतर घटते जा रहे हैं। इन फिल्मों से विशेष उम्मीद भी नहीं थी। पाकिस्तानी फिल्म खुदा के लिए को सीमित दर्शक मिले हैं। यह फिल्

बॉक्स ऑफिस :१०.०४.२००८

पिछले हफ्ते तीन फिल्में रिलीज हुई। तीनों का ही बॉक्स आफिस पर बुरा हाल रहा। किसी भी फिल्म को बीस प्रतिशत से अधिक दर्शक नहीं मिले। पाकिस्तान से आई खुदा के लिए के प्रति उत्सुकता थी। मुंबई में इसे दर्शक भी मिले। बाकी शहरों में दर्शकों ने अधिक रुचि नहीं दिखाई। इस फिल्म की रिलीज से दर्शक वाकिफ नहीं थे। अगर इस फिल्म का कायदे से प्रचार किया गया होता तो और ज्यादा दर्शक मिल सकते थे। हां, समीक्षकों ने इसे अधिक पसंद किया। इस फिल्म में कोई बड़ा स्टार नहीं था, इसलिए फिल्म को आरंभिक दर्शक नहीं मिले। शौर्य जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के बावजूद होम वीडियो के जरिए दर्शकों के बीच बनी रहती हैं। समर खान को अपनी फिल्म की ऐसी ही मौजूदगी से संतुष्ट होना पड़ेगा। पवन कौल की भ्रम को लेकर दर्शक भ्रमित नहीं रहे। वे सिनेमाघरों में नहीं गए। अश्वनी धीर की वन टू थ्री भी दर्शकों ने खारिज कर दी। आम तौर पर कामेडी फिल्में औसत व्यवसाय कर लेती हैं, लेकिन इस फिल्म का अनुभव अच्छा नहीं रहा। अब्बास मस्तान की रेस के दर्शक कम हुए हैं। यह फिल्म बड़े शहरों में अभी तक ठीक-ठाक व्यवसाय कर रही है, लेकिन छोटे शहर

बॉक्स ऑफिस:२६.०३.२००८

पहली तिमाही की आखिरी फिल्म रेस से ट्रेड पंडितों की उम्मीद पूरी हो गई। इस फिल्म को ओपनिंग अच्छी मिली और पहले तीन दिनों में इसका कारोबार अस्सी प्रतिशत से ऊपर रहा। जनवरी सेमार्च तक आशुतोष गोवारिकर की जोधा अकबर के अलावा किसी और फिल्म का बिजनेस संतोषजनक नहीं रहा था। ऐसे में रेस के कारोबार से इंडस्ट्री में खुशी की लहर आई है। फिल्म के निर्माता रमेश तौरानी ने फिल्म के प्रदर्शन की आक्रामक रणनीति अपनाई। उन्होंने खाली सिनेमाघरों में अपनी फिल्म भर दी। उन्होंने करण जौहर और यश चोपड़ा की तरह फिल्म के अधिकतम प्रिंट जारी किए और पहले तीन दिनों की भरपूर कमाई का पुख्ता इंतजाम किया। सूत्रों के मुताबिक रेस के 1100 से अधिक प्रिंट सिनेमाघरों में चल रहे हैं। रेस का मल्टीस्टारर होना दर्शकों को सिनेमाघरों में खींचने का अच्छा जरिया बना। सैफ अली खान, अक्षय खन्ना और अनिल कपूर के साथ कैटरीना कैफ और बिपाशा बसु का ग्लैमर काम आया। समीक्षकों ने फिल्म की आलोचना तो की लेकिन एक स्तर तक अब्बास-मस्तान की स्टाइल को सराहा। इस फिल्म को युवा दर्शक मिल रहे हैं। उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म के सारे किरदार बुरे क्यों हैं? प

बॉक्स ऑफिस १९.०३.०८

ऐसा लग ही रहा था कि 26 जुलाई ऐट बरिस्ता बाक्स आफिस पर डूब जाएगी। वही हुआ भी। इस फिल्म के हश्र पर किसी को आश्चर्य नहीं हुआ। फिल्म पूरे भारत में रिलीज भी नहीं हो सकी थी। फिल्म ट्रेड के एक विशेषज्ञ की राय में निर्देशक मोहन शर्मा ने विषय तो महत्व का चुना था, लेकिन उसके साथ वह न्याय नहीं कर सके। उन्होंने एक संभावना भी खत्म कर दी। उनकी राय में किसी अच्छे विषय पर बुरी फिल्म बन जाए तो निर्माता उस विषय को फिर से छूने में कतराते हैं। ब्लैक एंड ह्वाइट के बारे में सुभाष घई जो भी पोस्टर छपवा और महानगरों की दीवारों पर सटवा रहे हों, सच तो यही है कि बाक्स आफिस पर फिल्म विफल रही। समीक्षकों ने अवश्य तारीफ की, मगर उनकी तारीफों का दर्शकों पर कोई असर नहीं हुआ। वैसे ब्लैक एंड ह्वाइट दिल्ली और महाराष्ट्र में टैक्स फ्री हो चुकी है। उम्मीद है कि दर्शक बढ़ेंगे और फिल्मकारों का नुकसान कम होगा। बाक्स आफिस पर कोई भी प्रतियोगिता नहीं होने से जोधा अकबर के दर्शक ज्यादा नहीं घटे हैं। यह फिल्म सप्ताहांत में दर्शक खींच रही है। इस हफ्ते अब्बास मस्तान की थ्रिलर रेस आ रही है।

बॉक्स ऑफिस १२.०३.२००८

चवन्नी चैप पर बॉक्स ऑफिस का नया सिलसिला जारी हो रहा है.कोशिश रहेगी कि हर हफ्ते इसे यहाँ प्रकाशित किया जाए.अजय ब्रह्मात्मज नियमित रूप से हफ्तावार यह बॉक्स ऑफिस जागरण में लिखते हैं,वहीं से साभार यह यहाँ पोस्ट होगा.चवन्नी मानता है के ब्लॉग के पाठक और अखबार के पाठक एक होने के साथ ही अलग-अलग भी होते हैं। फीकी रही ब्लैक एंड ह्वाइट सुभाष घई की ब्लैक एंड ह्वाइट को खाली मैदान मिला था। फिल्म का विशेष प्रचार भी किया गया था। इसके बावजूद बॉक्स ऑफिस पर यह उम्मीद के मुताबिक सफल साबित नहीं हुई। हालांकि इस फिल्म में नए अभिनेता अनुराग सिन्हा और अनुभवी अनिल कपूर के अभिनय की तारीफ जरूर हुई। सुभाष घई ने इस फिल्म में अपनी शैली बदली थी और सीमित बजट में रियलिस्टिक फिल्म बनाने की कोशिश की थी। एक ट्रेंड पंडित के मुताबिक कमर्शियल फिल्ममेकर को रियलिस्टिक फिल्म बनाने के बारे में सोचना ही नहीं चाहिए। ऐसे में वे न घर के रह पाते हैं और न घाट के। ब्लैक एंड ह्वाइट का पहला दिन बुरा रहा। समीक्षकों की तारीफ के बाद शनिवार और रविवार को दर्शक बढ़े। फिर सोमवार से दर्शकों की संख्या में गिरावट दिखी। इधर दिल्ली में इस फिल्म को ट