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दीपिका और प्रियंका का मुकाबला नृत्य

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-अजय ब्रह्मात्मज याद है, संजय लीला भंसाली की ‘देवदास’ में ‘डोला रे डोला’ गीत विशेष आकर्षण बन गया था। इस गाने में पारो और चंद्रमुखी दोनों ने अपने पांवों में बांध के घुंघरू और पहन के पायल मनोहारी नृत्य किया था। ‘देवदास’ में ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित के युगल नृत्य को बिरजू महाराज ने संजोया था। संजय लीला भंसाली की फिल्मों की भव्यता की एक विशेषता सम्मोहक और शास्त्रीय नृत्य भी होती है। अपनी फिल्मों में उन्होंने सभी अभिनेत्रियों को नृत्य में पारंगता दिखाने के मौके दिए हैं। पिछली फिल्म ‘गोलियों की रासलीला ़ ़ ऱामलीला’ में दीपिका पादुकोण को ‘ढोल बाजे’ गाने में अपना हुनर दिखाने का अवसर मिला तो सिर्फ एक गाने ‘राम जाने’ में आई प्रियंका चोपड़ा भी पीछे नहीं रहीं। अब ‘बाजीराव मस्तानी’ दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा का युगल नृत्य दिखेगा। इसे रेमो फर्नांडिस निर्देशित कर रहे हैं।     ‘बाजीराव मस्तानी’ में दीपिका पादुकोण मस्तानी की भूमिका निभा रही हैं। प्रियंका चोपड़ा बाजीराव की पत्नी काशीबाई की भूमिका में हैं। इन दिनों दोनों इस फिल्म के युगल नृत्य की शूटिंग कर रही हैं। दीपिका और प्रियंका ने

जिद्दी धुन के धनी संजय लीला भंसाली

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-अजय ब्रह्मात्मज     हाल-फिलहाल में करण जौहर ने एक चैट शो में संजय लीला भंसाली का जिक्र आने पर मुंह बिचकाया तो सलमान खान ने सूरज बडज़ात्या के साथ चल रही एक बातचीत तें कहा कि संजय को सूरज जी से सीखना चाहिए कि कैसे ठंडे मन से काम किया जा सकता है। इन दोनों प्रसंगों का उल्लेख करने के बाद जब संजय लीला भंसाली की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने खामोशी बरती। हां,इतना जरूर कहा कि समय आने पर कुछ कहूंगा। जवाब दूंगा। संजय लीला भंसाली के बारे में विख्यात है कि वे तुनकमिजाज हैं। सेट पर कुछ भी उनकी सोच के खिलाफ हो तो वे भडक़ जाते हैं और फिर उनकी डांट-डपट आरंभ हो जाती है। लोगों से मुलाकात में भी उनके चेहरे पर सवालिया भाव रहते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वे खीझे हुए हैं और मुंह खोला तो कुछ कटु ही बोलेंगे। संजय लीला भंसाली अपने प्रति फैली इस धारणा को तोडऩा नहीं चाहते। हालांकि वे इधर काफी बदल गए हैं। उम्र के साथ संयत हो गए हैं। दूसरों की सुनते हैं और उनके पाइंट ऑफ व्यू को समझने की कोशिश करते हैं। उनमें आए बदलाव का सीधा उदाहरण अन्य निर्देशकों के साथ आई उनकी फिल्में हैं। उन्होंने राघव डार के साथ

फिल्‍म समीक्षा : मैरी कॉम

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-अजय ब्रह्मात्‍मज                    मैरी कॉम के जीवन और जीत को समेटती ओमंग कुमार की फिल्म 'मैरी कॉम' मणिपुर की एक साधारण लड़की की अभिलाषा और संघर्ष की कहानी है। देश के सुदूर इलाकों में अभाव की जिंदगी जी रहे किशोर-किशोरियों के जीवन-आंगन में भी सपने हैं। परिस्थितियां बाध्य करती हैं कि वे उन सपनों को भूल कर रोजमर्रा जिंदगी को कुबूल कर लें। देश में रोजाना ऐसे लाखों सपने प्रोत्साहन और समर्थन के अभाव में चकनाचूर होते हैं। इनमें ही कहीं कोई कोच सर मिल जाते हैं,जो मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम की जिद को सुन लेते हैं। उसे प्रोत्साहित करते हैं। अप्पा के विरोध के बावजूद मां के सपोर्ट से मैरी कॉम बॉक्सिंग की प्रैक्टिस आरंभ कर देती है। वह धीरे-धीरे अपनी चौकोर दुनिया में आगे बढ़ती है। एक मैच के दौरान टीवी पर लाइव देख रहे अप्पा अचानक बेटी को ललकारते हैं। फिल्म की खूबी है कि भावनाओं के इस उद्रेक में यों प्रतीत होता है कि दूर देश में मुकाबला कर रही मैरी कॉम अप्पा की ललकार सुन लेती है। वह दोगुने उत्साह से आक्रमण करती है और विजयी होती है। फिल्म देखने से पह

इंस्पायरिंग कहानी है मैरी कॉम की-प्रियंका चोपड़ा

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-अजय ब्रह्मात्मज    प्रियंका चोपड़ा निर्माता संजय लीला भंसाली की ओमंग कुमार निर्देशित ‘मैरी कॉम’ में शीर्षक भूमिका निभा रही हैं। इस भूमिका के लिए उन्हें शारीरिक और मानसिक मेहनत करनी पड़ी है। ‘मैरी कॉम’ तक के सफर में प्रियंका चोपड़ा का उत्साह कभी कम नहीं हुआ। फिल्मों के प्रभाव और सफलता-असफलता के अनुसार उन्हें सराहना और आलोचना दोनों मिली। सीखते-समझते हुए आगे बढऩे के साथ प्रियंका चोपड़ा ने नई विधाओं में भी प्रतिभा का इस्तेमाल किया। ‘मैरी कॉम’ के प्रति वह अतिरिक्त जोश में हैं। इस फिल्म को वह अपने अभिनय करिअर की उपलब्धि मानती हैं। - इतने साल हो गए,लेकिन आप के उत्साह में कभी कोई कमी नजर नहीं आती। आखिर वह कौन सी प्रेरणा है,जो आप को सक्रिय और सकारात्मक रखती है? 0 मेरे लिए मेरा काम बहुत जरूरी है। जिस दिन काम की भूख खत्म हो जाएगी या असफलता का डर नहीं रहेगा,उस दिन शायद मैं काम करना बंद कर दूंगी। मैं अपने काम को आधात्मिक स्तर पर लेती हूं। फिल्मों में आई तो बच्ची थी। विभिन्न निर्देशकों के साथ काम करते हुए मैंने समझा कि एक्टिंग हुनर है। यह एक क्राफ्ट है। अभ्यास करने से ही हम बेहतर होंगे। अभी तो वै

राम-लीला के गीत

Ram leela 1 Laal Ishq Lyrics – Ram Leela Ye laal ishq, yeh malaal ishq Ye aib ishq, yeh bair ishq Ye laal ishq, yeh malaal ishq Ye aib ishq, yeh bair ishq Ishq ishq, ishq.. Tujh sang bair lagaya aisa Tujh sang bair lagaya aisa Raha na main phir apne jaisa Ho.. raha na main phir apne jaisa Mera naam ishq, tera naam ishq (Repeat 2 times) Mera naam, tera naam Mera naam ishq Ye laal ishq, yeh malaal ishq Ye aib ishq, yeh bair ishq Ye laal ishq, yeh malaal ishq Ye aib ishq, yeh bair ishq Ishq-ishq, ishq.. Apna naam badal doon.. (Badal doon..) Ya tera naam chhupa loon.. (Chhupa loon..) Ya chhod ke saari yaad main bairaag utha loon Bas ek rahe mera kaam ishq Mera kaam ishq, mera kaam ishq Mera naam ishq, tera naam ishq Mera naam, tera naam Mera naam ishq Ye laal ishq, yeh malaal ishq Ye aib ishq, yeh bair ishq Ye laal ishq, yeh malaal ishq Ye aib ishq, yeh bair ishq Ye