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फिल्‍म समीक्षा : भूतनाथ रिटर्न्‍स

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-अजय ब्रह्मात्‍मज   पिछली बार भी 'भूतनाथ' में विवेक शर्मा ने हॉरर से अधिक संवेदना पर जोर दिया था। इस बार 'भूतनाथ रिट‌र्न्स' में नितेश तिवारी एक कदम और आगे बढ़ते हैं। वे भूतनाथ को राजनीतिक चेतना से लैस कर देते हैं। 'भूतनाथ रिट‌र्न्स' सिक्वल नहीं है। पिछली फिल्म और इस फिल्म में एक ही समानता है कि भूतनाथ की भूमिका अमिताभ बच्चन ही निभा रहे हैं। पिछली बार भूतनाथ लौट कर भूतव‌र्ल्ड चले गए थे। भूतव‌र्ल्ड में भूतनाथ की हंसाई हो गई है, क्योंकि धरती पर वे किसी को डरा नहीं सके थे। उन्हें एक मौका और दिया जा रहा है कि वे धरती पर भूतों का भय पैदा कर लौटें। इस बार भी एक बच्चा उन्हें पहचान लेता है। यहीं से भूतनाथ की नई यात्रा आरंभ होती है। इस बार मिला बच्चा अखरोट मुंबई के धारावी इलाके में अपनी अकेली मां के साथ रहता है। उसके पास घूमते हुए भूतनाथ पृथ्वी पर मौजूद असमानता और असुविधा की सच्चाइयों से अवगत होते हैं। गढ्डे, कचरा, पानी और सड़क की समस्याओं से भूतनाथ का राजनीतिक संस्कार होता है और बात चुनाव लड़ने तक आ जाती है। 'भूतनाथ रिट‌र्न्स' में भूतनाथ सीटिं

दरअसाल : साउथ के स्टार करते हैं प्रयोग

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-अजय ब्रह्मात्मज साउथ के सुपर स्टार रजनीकांत पिछले दिनों मुंबई आए। अपनी नई फिल्म कोचडयान के हिंदी संस्करण के साथ वे यहां आए थे। उनकी बेटी सौंदर्या आर अश्विन ने इस महात्वाकांक्षी फिल्म का निर्देशन किया है। इस फिल्म में परफारमेंस कैप्चर टेकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस टेकनीक से बनी यह भारत की पहली फिल्म है। मूल रूप से तमिल में बनी यह फिल्म हिंदी में भी रिलीज की जाएगी। इसी वजह से रजनीकांत अपनी बेटी सौंदर्या और पत्नी लता के साथ मुंबई आए थे। इन दिनों इस इवेंट को फस्र्ट लुक का उद्घाटन कहा जाता है। रजनीकांत के इस इवेंट में अमिताभ बच्चन,सुभाष घई,शेखर कपूर,आर बाल्कि और रमेश सिप्पी जैसे निर्देशक शामिल हुए। सभी ने सौंदर्या की पहल की तारीफ की। स्वयं रजनीकांत ने कहा कि सभी से अपनी बेटी की तारफ सुन कर वे बहुत खुश हैं। कोचडयान अपने किस्म की पहली फिल्म है। इस फिल्म के प्रयोग के लिए रजनीकांत का तैयार होना ही सराहनीय है। वे तकनीकी प्रयोग के लिए तैयार हुए। गौर करें तो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कलाकार और स्टार मुख्य रूप से लकीर के फकीर बने रहते हैं। प्रयोग और तकनीक के मामले में वे संकोच करते हैं। जो

विद्या बालन के अंदाज

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दरअसल : गलत भडक़े ऋषि कपूर

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दरअसल ़ ़ ़ गलत भडक़े ऋषि कपूर -अजय ब्रह्मात्मज पिछले दिनों अंगे्रजी अखबारों में ऋषि कपूर के एक बयान का खूब उछाला गया। उस बयान में उन्होंन युवा अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दिकी की किसी टिप्पणी पर आक्रामक प्रतिक्रिया व्यक्त की। इस प्रतिक्रिया में उन्होंने उम्र और अनुभव का लिहाज नहीं रखा। उन्होंने नवाज की औकात का सवाल उठाया और फिर अहंकार में नवाज के बाप-दादा को भी समेट लिया। ऊिल्म इंडस्ट्री के कथित पहले परिवार के ऋषि कपूर की इस प्रतिक्रिया को किसी भी सूरत मेंजायज नहीं ठहराया जा सकता। दरअसल ़ ़ ़फिल्म इंडस्ट्री के आउटसाइडर पर इनसाइडर ऐसे ही भडक़ते हैं। जब भी कोई नया अभिनेता या अभिनेत्री मिले मौके को अपनी प्रतिभा से उल्लेखनीय बना देता है तो पहले से पॉपुलर और जम-जमाये इनसाइडर हस्तियों का कुर्सी हिलने लगती है। वे स्वागत और तारफ करते हैं,लेकिन उसी क्षण से उक्त प्रतिभा को पृष्ठभूमि में धकेलने की कवायद आरंभ हो जाती है। बीस सालों की फिल्म पत्रकारिता और फिल्मी हस्तियों से मेल-मुलाकात के अनुभवों पर मैं यह बात कह रहा हूं।     नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने अपने किसी इंटरव्यू में हिंदी फिल्मों मेंप्रचलित घिसे-पि

जारी है भेदभाव

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-अजय ब्रह्मात्मज न जाने कहां से चले आते हैं? हिंदी फिल्मों में कुछ करने और हुनर से कुछ हासिल करने के लिए आए हजारों महात्वाकांक्षियों को रोजाना यह सवालिया वाक्य सुनाई पड़ता है। इसके साथ ही उनकी इच्छा-आकांक्षा को कुचलने की मुहिम चालू हो जाती है। समाज के सभी क्षेत्रों में पहली पीढ़ी पांव जमाने और जगह पाने में संषर्ष,अपमान,तिरस्कार और अवहेलना से गुजरती है। विडंबना है कि दूसरी पीढ़ी के सदस्यों का रवैया नयों के प्रति बदल जाता है। उन्हें लगता है कि उनकी अर्जित और अधिकृत भूमि में कोई और क्यों आए? हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में यह भेदभाव अघोषित रूप से जारी रहता है। सभी नए किसी न किसी रूप में इस भेदभाव के शिकार होते हैं। पिछले दिनों एक लोकप्रिय फिल्म पत्रिका में ऋषि कपूर ने अपेक्षाकृत युवा अभिनेता को लताड़ते हुए उनकी औकात पर प्रश्नचिह्न लगाए। उनके बाप-दादा का नाम लेते हुए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। फिल्म पत्रकारिता में सारी बातों और घटनाओं को रसदार और मनोरंजक समझने वाले पत्रकारों ने इसे पुराने और नए स्टार की व्यक्तिगत लड़ाई के रूप में पेश किया। सच्चाई यह है कि ऋषि कपूर में यह अहंन्यता हिंदी फ

फिल्‍म समीक्षा : जल

कच्छ की पृष्ठभूमि में बनी गिरीश मलिक की फिल्म 'जल' रेगिस्तान के बाशिंदों की कहानी है। फिल्म का नायक बक्का को उसके गांव के लोग जल का देवता कहते हैं। वह पारंपरिक यंत्रों और अनुमान से बता सकता है कि धरती के गर्भ में कहां पानी है। जाहिर सी बात है कि वह गांव का प्यारा है। गांव की एक लड़की उससे प्रेम करती है, लेकिन उसका दिल तो पड़ोसी गांव की लड़की केसर पर आ गया है। पानी की वजह से दोनों गांवों के बीच दुश्मनी है। तपते रेगिस्तान में कछ की जिंदगी में तब हलचल आती है जब विदेश से एक टीम अप्रवासी पक्षी फ्लेमिंग के बचाव के लिए जल की मात्रा बढ़ाने के इंतजाम में वहां आती है। विदेशी टीम आरंभिक प्रयासों में विफल रहती है। स्थानीय राकला के सुझाव पर वे बक्का की मदद लेते हैं। उसके बताए स्थान पर खुदाई होती है तो पानी निकल आता है। बक्का के भाव बढ़ जाते हैं। उसे कांट्रैक्ट पर सरकारी नौकरी मिल जाती है। वह जींस-शर्ट पहनने लगता है। बाद में अपने गांव में पानी के लिए कुएं की खुदाई के दरम्यान वह मुश्किलों में फंसता है। उसकी नीयत पर शक किया जाता है। अचानक वह सभी की आंखों में खटकने लगता है। उसे ग

फिल्‍म समीक्षा : मैं तेरा हीरो

डेविड धवन, गोविंदा और सलमान खान मिल कर कामेडी, सेक्स और डबल मीनिंग डायलॉग खास किस्म की मसाला फिल्में परोसते रहे थे। सच यही है कि उनकी फिल्मों को दर्शकों ने खूब पसंद भी किया। समय के साथ तीनों तीन दिशा में बढ़ गए। इस बीच डेविड धवन के बेटे वरुण धवन को करण जौहर ने 'स्टूडेंछ आफ द ईयर' में लॉन्च किया। रिलीज के बाद सभी ने फिल्म के दूसरे हीरो सिद्धार्थ मल्होत्रा को लपक लिया। डैडी डेविड धवन मौके पर फिर से डायरेक्टर की कुर्सी पर बैठ गए। उन्होंने वरुण धवन को फिल्म में लिया। कोई पॉपुलर हीरोइन साथ आने को तैयार नहीं हुई तो नरगिस फाखरी और और इलियाना डिक्रूज को साथ में लिया और मसाला मनोरंजन 'मैं तेरा हीरो' पेश किया। इस पृष्ठभूमि के बाद फिल्म से कोई शिकायत नहीं रहती। 'मैं तेरा हीरो' उन दर्शकों के लिए ही बनाई गई है, जो हिंदी में मसाला फिल्में देखते रहे हैं। इधर ऐसा लगने लगा था कि दर्शकों की रुचि का खयाल रखते हुए फिल्मकार नए फॉर्मूले आजमा रहे हैं। फिल्म देखते हुए कभी सलमान खान के लटकों तो कभी गोविंदा के झटकों की याद आती है। सीनु पढ़ने के लिए बेंगलुरु आता है। पहले

अनुप्रिया वर्मा के स्‍फुट विचार

चवन्‍नी के पाठकों के लिए ये विचार अनुप्रिया वर्मा के ब्‍लॉग अनुख्‍यान से लिए गए हैं। चेहरे से डर जरीन खान ने हाल ही में कुछ बातें खुल कर सामने रखीं. उन्होंने कहा कि उन्हें बॉलीवुड में काम मिलने में परेशानी इसलिए हुई. चूंकि उनके बॉलीवुड में कदम रखने से पहले ही उनकी तुलना कट्रीना कैफ से होने लगी थी. लोगों को लगने लगा कि वह एंटी कट्रीना हैं. चूंकि उन्हें लांच करनेवाले सलमान खान थे और उस वक्त सलमान और कट्रीना में अनबन चल रही थी. पहली बार किसी अभिनेत्री ने अपने मन की भड़ास निकाली है. सलमान खान ने स् नेहा उलाल को भी उस वक्त लांच किया था, जब उनकी ऐश्वर्य राय से अनबन चल रही थी और लोगों ने स्रेहा की तुलना ऐश्वर्य से कर दी थी. बाद में वे गायब सी हो गयीं. जरीन तो फिर भी कभी कभी किसी इवेंट्स में नजर आ जाती हैं. जरीन ने अपने मन की यह भी बात रखी कि उन्हें लोग कैट की डुप्लीकेट मानने लगे थे और कई बार तो उनके पास इस बात के भी आॅफर आये कि वह डुप्लीकेट किरदार निभा लें. दरअसल, जरीन जैसी कई अभिनेत्रियां इस बात की मार झेल रही हैं कि उन्हें किसी स्थापित चेहरे के पीछे अपना अस्तित्व तलाश

हीरोपंथ्‍ाी में टायगर श्राफ

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दोस्‍तों आप हैं जैकी श्राफ के सुपुत्र टायगर श्राफ। पिता ने हीरो से करिअर आरंभ किया। पुत्र की शुरुआत हीरोपंथी से हो रही है। फिल्‍म के निर्माता साजिद नाडियाडवाला और निर्देशक सब्‍बीर खान हैं।आप क्‍या साेचते हैं इस नवजात स्‍टारपुत्र के बारे में...

अंकिता के साथ जिंदगी बीतना चाहता हूं- सुशांत सिंह राजपूत

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चवन्‍नी के पाइकों के लिए यह इंटरव्‍यू रघुवेन्‍द्र सिंह के ब्‍लॉग अक्‍स से लिया गया है। सुशांत सिंह राजपूत के जीवन में टर्निंग पॉइंट रहा. काय पो चे और शुद्ध देसी रोमांस की कामयाबी ने उन्हें एक हॉट फिल्म स्टार बना दिया. रघुवेन्द्र सिंह ने की उनसे एक खास भेंट सुशांत सिंह राजपूत के आस-पास की दुनिया तेजी से बदली है. इस साल के आरंभ तक उनकी पहचान एक टीवी एक्टर की थी, लेकिन अब वह हिंदी सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित और लोकप्रिय फिल्म निर्माण कंपनी यशराज के हीरो बन चुके हैं. शुद्ध देसी रोमांस के बाद वह अपनी अगली दोनों फिल्में ब्योमकेष बख्शी और पानी इसी बैनर के साथ कर रहे हैं. उन पर आरोप है कि आदित्य चोपड़ा का साथ पाने के बाद उन्होंने अपने पहले निर्देशक अभिषेक कपूर (काय पो चे) से दोस्ती खत्म कर ली. डेट की समस्या बताकर वह उनकी फिल्म फितूर से अलग हो गए.  हमारी मुलाकात सुशांत सिंह राजपूत के साथ यशराज के दफ्तर में हुई. काय पो चे और शुद्ध देसी रोमांस की कामयाबी को वह जज्ब कर चुके हैं. वैसे तो इस हॉट स्टार के दिलो-दिमाग को केवल उनकी गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे ही बखूबी समझती हैं. औरों के सा