फ़िल्म समीक्षा : पैडमैन
फ़िल्म समीक्षा : पैडमैन -अजय ब्रह्मात्मज लगभग 11 साल पहले तमिलनाडु के कोयम्बटूर के अरुणाचलम मुरुगनंतम चेन्नई के आईआईटी में न्यूनतम लागत से सैनिटरी पैड बनाने की मशीन का प्रदर्शन किया था। 1962 में जन्मे वरुणाचालम की शादी 36 साल की उम्र में 1998 में हुई। शादी के बाद उन्होंने महसूस किया कि सदियों पुरानी मान्यता और परंपरा के कारण उनकी पत्नी शांति भी माहवारी के दिनों में गंदे कपड़ों और अखबारों के इस्तेमाल करती हैं। अनपढ़ वरुणाचालम का परिवार गरीब भी था। उनकी पत्नी और बहनें बाजार में उपलब्ध महंगे पैड नहीं खरीद सकती थीं। वरुणाचालम ने ठान लिया कि वे अपनी पत्नी,बहनें और समाज की महिलाओं के लिए सस्ती लागत में पड़ बनायेंगे। सामान्य रुई से बनाये अपने पैड का प्रयोग उन्होंने पत्नी पर किया। प्रयोग असफल रहा,क्योंकि सामान्य रुई रक्तस्राव को सोख नहीं सकी। उन्होंने और भी यत्न किये,पत्नी के मन करने पर बहनों और पड़ोस की लड़कियों से भी अपने बनाये पैड आजमाने का आग्रह किया। इस प्रयास में उनकी बदनामी हुई और परिवार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी। इनके बावजूद अरुणाचलम ने ज़िद नही छोड़ी। उन्होंने खुद पर ही प्रयोग किये। और