अमिताभ बच्चन से बातचीत
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--स्मिता श्रीवास्तव/अमित कर्ण भारतीय सिनेमा प्रयोग के दौर से गुजर रहा है। कहानियों में हो रहे प्रयोग दर्शकों और समीक्षकों को भा रहे। संभवत: पहली बार शीर्षक के साथ अनोखा प्रयोग किया गया है। यहां पर बात हो रही है आर. बाल्की की फिल्म ‘षमिताभ’ की। धनुष और अमिताभ बच्चन अभिनीत इस फिल्म का शीर्षक दोनों कलाकारों के नामों को जोडक़र बनाया गया है। भारतीय सिनेमा के इतिहास में संभवत: पहली मर्तबा कलाकारों के नाम पर शीर्षक रखा गया है। फिल्म छह फरवरी को रिलीज हो रही है। फिल्म और जीवन के अन्य पहलुओं पर अमिताभ बच्चन ने खुलकर बात की : -इधर लगातार आ रही आपकी फिल्मों में आपकागेटअप और लुक काफी अलग दिखा है। यह संयोग मात्र है या रोल च्वाइस में देखने को मिलता है? रोल च्वाइस में होता है। जैसी पटकथा लिखी जाती है उसी के अनुरूप निर्देशक हमें बताता है कि ऐसा लुक होना चाहिए। हम वही रूप धारण कर लेते हैं। -एक जमाने में यह शिकायत रहती थी कि हर फिल्म में अमित जी रहते हैं? वो जवानी का दौर था। अब उस तरह का काम हमें मिलने नहीं वाला है। उसमें रोमांटिक हीरो हुआ करते थे। थे। एक ही काम करना पड़ता था। हीरोइन को अपनी बांहों