Posts

Showing posts with the label आशुतोष राणा

मिली बारह साल पुरानी डायरी

कई बार सोचता हूं कि नियमित डायरी लिखूं। कभी-कभी कुछ लिखा भी। 2001 की यह डायरी मिली। आप भी पढ़ें।  30-7-2001       आशुतोष राणा राकेशनाथ (रिक्कू) के यहां बैठकर संगीत शिवन के साथ मीटिंग कर रहे थे। संगीत शिवन की नई फिल्म की बातचीत चल रही है। इसमें राज बब्बर हैं। मीटिंग से निकलने पर आशुतोष ने बताया कि बहुत अच्छी स्क्रिप्ट है। जुहू में रिक्कू का दफ्तर है। वहीं मैं आ गया था। रवि प्रकाश नहीं थे।       आज ऑफिस में बज (प्रचार एजेंसी) की विज्ञप्ति आई। उसमें बताया गया था कि सुभाष घई की फिल्म इंग्लैंड में अच्छा व्यापार कर रही है। कुछ आंकड़े भी थे। मैंने समाचार बनाया ‘ बचाव की मुद्रा में हैं सुभाष घई ’ । आज ही ‘ क्योंकि सास भी कभी बहू थी ’ का समाचार भी बनाया।       रिक्कू के यहां से निकलकर हमलोग सुमंत को देखने खार गए। अहिंसा मार्ग के आरजी स्टोन में सुमंत भर्ती हैं। उनकी किडनी में स्टोन था। ऑपरेशन सफल रहा , मगर पोस्ट ऑपरेशन दिक्कतें चल रही हैं। शायद कल डिस्चार्ज करें। अब हो ही जाना चाहिए ? काफी लंबा मामला खिच गया।       रास्ते में आशुतोष ने बताया कि वह धड़ाधड़ फिल्में साइन कर रहे

फिल्‍म समीक्षा : मोनिका

Image
-अजय ब्रह्मात्‍मज इस फिल्म की कथाभूमि लखनऊ है। मोनिका और चंद्रकांत पंडित हमें भोपाल, पटना, देहरादून और जयपुर में भी मिल सकते हैं। हर प्रदेश में मोनिका और चंद्रकांत पंडित की कहानियां हैं। किसी प्रदेश में मोनिका का नाम मनीष भी हो सकता है। तात्पर्य यह कि लेखक-निर्देशक सुषेन भटनागर ने एक मौजूं विषय पर फिल्म बनाई है। पत्रकार की महत्वाकांक्षा और राजनीतिज्ञों द्वारा उनके इस्तेमाल की कहानियों में अक्सर राजनीतिज्ञों का खलनायक की तरह चित्रित किया जाता है। मोनिका को ही गौर से देखें तो मोनिका की मनोग्रंथि और महत्वाकांक्षा ही उसे राजनीतिक शिकंजे में ले जाती है और इस्तेमाल होने के लिए तैयार करती है। हमें इस कड़वे सच केदूसरे पक्ष को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। मध्यवर्गीय परिवार की मोनिका की महत्वाकांक्षाएं परिवार और लखनऊ जैसे शहर से बड़ी हो जाती हैं। उसकी इस कमजोरी को स्वार्थी राजनीतिज्ञ, संपादक और बिजनेस घराने के लोग ताड़ जाते हैं। वे उसकी मेधा का दुरूपयोग करते हैं। मोनिका एक-दो दफा अपनी सामान्य जिंदगी में लौटना भी चाहती है, लेकिन तब तक इतनी देर हो चुकी है कि उसका असहाय पति भी उसकी मदद नहीं कर