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सोने की सीढ़ी चढ़ती सोनाक्षी सिन्‍हा

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-अजय ब्रह्मात्मज सोनाक्षी सिन्हा के लिए अच्छा ही रहा कि अक्षय कुमार प्रचलित फैशन में धुंआधार प्रचार में यकीन नहीं करते। अगर प्रमोशन के लिए शहरों के चक्कर लगते तो उन्हें ‘तेवर’ के सेट से छुट्टी लेनी पड़ती। संजय कपूर की इस फिल्म में वह अर्जुन कपूर के साथ दिखेंगी। फिल्म का निर्देशन अमित शर्मा कर रहे हैं। इस फिल्म की शूटिंग मथुरा, वाई और मुंबई में हुई है। मनोज बाजपेयी की प्रतिभा से मुग्ध सोनाक्षी उनकी तारीफ करना नहीं भूलतीं। अजय देवगन के साथ उनकी ‘एक्शन जैक्सन’ भी लगभग पूरी हो चुकी है। इन सभी फिल्मों से अधिक खुशी उन्हें रजनीकांत की फिल्म ‘लिंगा’ से है। ‘रजनीकांत की फिल्म करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। इस फिल्म की शूटिंग के पहले मैं घबराई हुई थी। मेरी घबराहट देख कर रजनी सर ने समझाया कि तुम से ज्यादा मैं घबराया हुआ हूं, क्योंकि तुम मेरे दोस्त की बेटी हो।’ सोनाक्षी बताती हैं कि फिल्म पांचवें दशक की पीरियड फिल्म है, इसलिए हमें कोई दिक्कत नहीं हुई।     दो दिनों पहले ही सोनाक्षी सिन्हा की ‘हॉलीडे’ रिलीज हुई है। अक्षय कुमार के साथ यह उनकी चौथी फिल्म है। जीवनशैली और आदतों से समानता की वजह स

फिल्‍म समीक्षा : हॉलीडे

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हालांकि मुरूगादास ने तमिल में 'थुपक्की' बना ली थी, लेकिन यह फिल्म हिंदी में सोची गई थी। मुरूगादास इसे पहले हिंदी में ही बनाना चाहते थे। अक्षय कुमार की व्यस्तता कमी वजह से देर हुई और तमिल पहले आ गई। इसे तमिल की रीमेक कहना उचित नहीं होगा। फिल्म के ट्रीटमेंट से स्पष्ट है कि 'हॉलीडे' पर तमिल फिल्मों की मसाला मारधाड़, हिंसा और अतिशयोक्तियां का प्रभाव कम है। 'हॉलीडे' हिंदी फिल्मों के पॉपुलर फॉर्मेट में ही किया गया प्रयोग है। विराट फौजी है। वह छुट्टियों में मुंबई आया है। मां-बाप इस छुट्टी में ही उसकी शादी कर देना चाहते हैं। वे विराट को स्टेशन से सीधे साहिबा के घर ले जाते हैं। विराट को लड़की पसंद नहीं आती। बाद में पता चलता है कि साहिबा तो बॉक्सर और खिलाड़ी है तो विराट अपनी राय बदलता है। विराट और साहिबा की प्रेम कहानी इस फिल्म की मूलकथा नहीं है। मूलकथा है एक फौजी की चौकसी, सावधानी और ड्यूटी। मुंबई की छुट्टियों के दौरान विराट का साबका एक 'स्लिपर्स सेल' से पड़ता है। (स्लिपर्स सेल आतंकवादी गतिविधियों में संलग्न ऐसे व्यक्ति

अक्षय कुमार से अजय ब्रह्मात्‍मज की बातचीत

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-अजय ब्रह्मात्मज     अक्षय कुमार हाल ही में इस्तांबुल से नीरज पांडे की फिल्म ‘बेबी’ की शूटिंग से लौटे हैं। मुंबई आते ही वे अपनी अगली फिल्म ‘हॉलीडे’ के प्रचार में जुट गए हैं। अमूमन बाकी पापुलर स्टार अपनी फिल्मों के धूआंधार प्रचार में कम से कम दो महीने लगाते हैं। अक्षय कुमार उन सभी से अलग तरीका अपनाते हैं। - ‘हॉलीडे’ क्या है? 0 इस फिल्म में मुर्गोदास ने एक नए विषय को टच किया है। यह फिल्म सिलीपर सेल के बारे में है। 26 11 को ताज और ओबेराय में जो आतंकवादी गतिविधियां हुई थी उन्हें सिलीपर सेल ही ने की थी। अमेरिका में 9 11 भी इन्हीं लोगों ने किया था। ऐसे लोग बहुत पहले से किसी देश में चले जाते हैं। वहां के नागरिक बन कर रहते हैं। परिवार बसा लेते हैं, लेकिन बीवी तक को पता नहीं रहता कि वे कौन हैं? इस फिल्म का संदेश है कि अपनी आंखें खुली रखें। लोगों से मिलते-जुलते समय सावधान रहें। अभी कुछ भी सुरक्षित नहीं रह गया है। मुझे यह विषय अनोखा लगा। अभी तक के फिल्मों में टेररीज्म की बातें एक ही तरीके से दिखाई जाती है। - लेकिन इसमें तो आप सेना के जवान बने हुए हैं? 0 हां, मैं फौज में हूं। लंबे समय की