बी आर चोपड़ा का सफ़र -भाग चार...प्रकाश रे
प्रकाश रे बी आर चोपड़ा पर एक सिरीज लिख रहे हैं... भाग-4 बी आर चोपड़ा का 1955 में अपनी कम्पनी बी आर फ़िल्म्स शुरू करना एक साहसी क़दम था. उनके ख़ाते में बस एक ही हिट फ़िल्म दर्ज़ थी. उस समय फ़िल्म उद्योग स्टार सिस्टम और धनी निर्माताओं के चंगुल में था. इसके अलावा राज कपूर, शांताराम, महबूब ख़ान, बिमल राय, ए आर कारदार, गुरु दत्त आदि कई ऐसे दिग्गज 'निर्माता-निर्देशक' मौजूद थे जो व्यावसायिक तौर पर बड़े सफल तो थे ही, साथ ही अपने सिनेमाई सौंदर्य से 1950 के दशक को हिंदुस्तानी सिनेमा के स्वर्ण-युग के रूप में ढाल रहे थे. बी आर फ़िल्म्स के शुरुआत की कहानी कुछ इस प्रकार है: एक दिन चोपड़ा नई फ़िल्म के सिलसिले में शशधर मुखर्जी से मिलने जा रहे थे. उनकी पत्नी ने पूछा, 'तो फिर आप दूसरे निर्माता के लिये काम करने जा रहे हैं? आप ख़ुद ही फ़िल्म क्यों नहीं बनाते?' चोपड़ा ने कहा कि पैसे तो हैं नहीं. इस पर उनकी पत्नी ने कहा कि उनके पास दस हज़ार रुपये हैं जिसमें से वह पांच हज़ार लेकर काम शुरू कर दें. बाक़ी से वह तीन माह तक घर का खर्च चला लेंगी. इसी पांच हज़ार से इस कम्पनी शुरू की गयी. कहा जा सकता