दरअसल : पानी के लिए लड़ते किरदार
![Image](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgKTPpre1V0OoK8yhEgG1a-GJxvGvArMI2ea7Wb7IcrnML0-sE1ddp2RaHKAmcHQs59GNkKa9u3l2L1B__sv6zr8Lm2a9hNWWeTeIw0MbgA1oMQ-JOD0Sp6T1hH06CzrfAG_XTPi2bgrqQ/s320/02_06_2018-bhv_pani_ni_1_18031178.jpg)
दरअसल पानी के लिए लड़ते किरदार - अजय ब्रह्मात्मज विक्रमादित्य मोटवानी का सुपरहीरो भावेश जोशी मुंबई के वाटर माफिया को के खिलाफ खड़ा होता होता है। भावेश जोशी 21 वीं का सजग युवक है , जो मुंबई में रहता है। वह अपने आसपास के भ्रष्टाचार और समाज के स्वार्थी व्यक्तियों के आचरण से उक्त चूका है। उसे कोई रास्ता नहीं सूझता तो वह नक़ाब पहन कर उन्हें बेनक़ाब करने की मुहीम पर निकलता है। यह सिस्टम से नाराज़ आज के यवक की कहानी है। विक्रमादित्य अपनी पीढ़ी के संवेदनशील फ़िल्मकार हैं। इस बार वे किरदारों के परस्पर मानवीय रिश्तों और उनकी उलझनों से निकल कर समाज से जूझते और टकराते किरदार को सुपरहीरो के तौर पर पेश कर रहे हैं। यथार्थ कठोर और जटिल हो तो साहित्य और फिल्मों में फंतासी का सहारा लिया जाता है। ज़िन्दगी में नामुमकिन लग रही मुश्किलों को फंतासी से सुलझाने का क्रिएटिव प्रयास किया जाता है। विक्रमादित्य का विषय आज की मुंबई और मुंबई की रोज़मर्रा की समस्याएं हैं। उनमें पानी एक विकट समस्या है। ख़बरों और फिल्मों के जरिये महानगरों में पर्याप्त पानी के लिए तरसते नागरिकों की व्यथा हम देखते रहे हैं। हम मे