Posts

Showing posts with the label मासूम प्रेम

मासूम प्रेम की फिल्में अब नहीं बनतीं-महेश भट्ट

Image
सन् 1973 हिंदी सिनेमा के लिए महत्वपूर्ण है और मेरे लिए भी। उसी साल मैंने अपनी पहली विवादास्पद फिल्म मंजिलें और भी हैं के निर्देशन के साथ हिंदी फिल्मों का अपना सफर आरंभ किया था। उसी वर्ष हिंदी फिल्मों के महान शोमैन राज कपूर ने मेरा नाम जोकर से हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए किशोर उम्र की प्रेम कहानी पर आधारित फिल्म बॉबी बनाई। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बनी टीनएज प्रेम कहानियों में अभी तक इस फिल्म का कोई सानी नहीं है। 35 सालों के बाद मैं आज इसी फिल्म से अपने लेख की शुरुआत कर रहा हूं। समय की धुंध को हटाकर पीछे देखता हूं तो पाता हूं कि किसी और फिल्म निर्माता ने राज कपूर की तरह किशोरों के मासूम प्रेम को सेल्यूलाइड पर नहीं उकेरा। स्वीट सिक्सटीन वाले रोल बॉबी के पहले उम्रदराज हीरो और हीरोइन हिंदी फिल्मों में किशोर उम्र के प्रेमियों की भूमिकाएं निभाया करते थे। हम ऐसी फिल्में देखकर खूब हंसते थे। मैंने 1970 में राज खोसला के सहायक के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। उन दिनों वे दो रास्ते का निर्देशन कर रहे थे। इसमें राजेश खन्ना और मुमताज की रोमांटिक जोडी थी। उनकी उम्र बीस के आसपास रही होगी।