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फिल्‍म समीक्षा : विश्‍वरूप

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हंगामा है क्यों बरपा -अजय ब्रह्मात्‍मज भारतीय मिथक में विश्वरूप शब्द कृष्ण के संदर्भ में इस्तेमाल होता है। कृष्ण ने पहले अपनी मां को बालपन में ही विश्वरूप की झलक दी थी। बाद में कुरूक्षेत्र में अर्जुन के आग्रह पर उन्होंने विश्वरूप का दर्शन दिया था और उन्हें इसे देखने योग्य दिव्य दृष्टि भी दी थी। कमल हासन की फिल्म 'विश्वरूप' में तौफीक उर्फ वसीम कश्मीरी उर्फ विश्वनाथ जैसे नामों और पहचान के साथ एक रॉ आफिसर का आधुनिक विश्वरूप दिखता है। वह एक मिशन पर है। इस मिशन को साधने के लिए वह विभिन्न रूपों को धारण करता है। कमल हासन अपनी फिल्मों में निरंतर भेष और रूप बदलते रहते हैं। इस मायने में वे बहुरूपिया कलाकार हैं। हर नई फिल्म में वे अपने सामने नए लुक और कैरेक्टर की चुनौती रखते हैं और उन्हें अपने अनुभवों एवं योग्यता से पर्दे पर जीवंत करते हैं। 'विश्वरूप' में उन्होंने आज के ज्वलंत मुद्दे आतंकवाद की पृष्ठभूमि में अपने किरदार को गढ़ा है। इस फिल्म की कथाभूमि मुख्य रूप से अफगानिस्तान और अमेरिका में है। फिल्म की शुरुआत में वे एक नर्तक के रूप में आते हैं। उन्होंने बिरजू ...

महानतम क्रांति है ब्लॉग-शेखर कपूर

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मशहूर फिल्मकार शेखर कपूर नियमित रूप से ब्लॉग लिखते हैं.उन्होंने अपने ब्लॉग पर इसके महत्व के बारे में लिखा है...मेरे विचार से ब्लॉग हमारे समय की महानतम क्राति है.अभी तो हम इसकी परिधि ही देख सके हैं.अपनी बात रखने का यह परम लोकतांत्रिक माध्यम है.यह अपने संविधान से मिली अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ही नया रूप है.आप अपनी बात नहीं कह सकते तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का क्या अर्थ रह जाता है. निहित स्वार्थ से नियंत्रित मीडिया का विकल्प है यह...मुझे ब्लॉग लिखने में आनंद आता है.मैं पूरी दुनिया से सीधे संबंध स्थापित कर लेता हूं और वह भी दोतरफा...