दरअसल : 2015 की मेरी पसंद की 10 फिल्में
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-अजय ब्रह्मात्मज हर साल 100 से ज्यादा फिल्में हिंदी में रिलीज होती हैं। उनमें से 10 का चुनाव आसान नहीं होता। यकीन करें जो ऑब्जेक्टिव होने का दावा करते हैं,वे पसंद की राजनीति कर रहे हैं। वे किसी को खुश तो किसी को दुखी करने की फिक्र में रहते हैं। मेरी पसंद का अपना पक्ष है। कुछ को वह पक्षपात लग सकता है। दरअसल,जब हम अपनी पसंद बता रहे होते हैं तो उसके साथ हमारी समझ,संवेदना,विचार,सौंदर्य और अनुभूति भी जाहिर होती है। इन फिल्मों को पसंद करने के अनेक कारण हैं। 1.डॉली की डोली : अभिषेक डोगरा निर्देशित यह फिल्म मुझे पसंद है। उसे उमाशंकर सिंह ने लिखा है। सोनम कपूर के अभिनय में निर्दोष सरलता है। उनकी इस खूबी को अभिषेक ने उभारने का मौका दिया। राजकुमार राव छोटी सी भूमिका में ही सही...फिल्म का प्रभाव बढ़ा देते हैं। 2.दम लगा कर हईसा : शरत कटारिया की यह फिल्म अपनी कथाभूमि और भावभूमि के कारण मुझे पसंद है। हिंदी सिनेमा से हिंदी समाज ही गायब हो गया है। शरत ने इस फिल्म के किरदारों और उनकी प्रतिक्रियाओं और व्यवहार में हरिद्वार के एक मध्यवर्गीय परिवार की संदनात्मक कहानी पेश की ह