दिल्ली,लाहौर और मुम्बई पर बन रही फिल्में
भारत और पाकिस्तान के ये तीन महानगर हैं.लाहौर तो किसी ज़माने में शिक्षा और संस्कृति के साथ व्यापर का भी केन्द्र हुआ करता था.देश के विभाजन के साथ पंजाब का भी विभाजन हुआ और लाहौर लहूलुहान हो गया.आज तक लाहौर रिस रहा है.उस पर कभी और चर्चा करेगा चवन्नी...लेकिन चवन्नी क्यों चर्चा करे? चवन्नी को पता चला है कि लाहौर की पृष्ठभूमि पर हिन्दी में तीन फिल्मों की तैयारी चल रही है.इनमें से दो फिल्मों की कहानी तो हीरामंडी के इर्द-गिर्द घूमती हैं और तीसरी का संबंध विभाजन से है.पूजा भट्ट की फिल्म हीरामंडी पर ही केन्द्रित है और इस में आशुतोष राणा फिर से एक खतरनाक खलनायक की भूमिका निभाने जा रहे हैं.उम्मीद है कि फ़रवरी में इस फिल्म की शूटिंग आरंभ हो जायेगी.संजय लीला भंसाली ने भी एक फिल्म प्लान की है.उनकी फिल्म में मुमकिन है रानी मुख़र्जी शीर्ष भूमिका निभाएं,संजय के व्यक्तित्व की तरह यह फिल्म अभी तक रहस्य में है.मालूम नहीं कब शुरू होगी फिल्म?लाहौर पर बन रही तीसरी फिल्म होगी राज कुमार संतोषी की.घोषणाएं करने में अव्वल संतोषी की फिल्म असगर वजाहत के नाटक जिस लाहौर नइ देख्या ... पर आधारित है.इस फिल्म के लिए संतो