प्राण के बहाने लाहौर भी याद करें
-अजय ब्रह्मात्मज प्राण (जन्मतिथि- 12 फरवरी 1920-पुण्यतिथि 12 जुलाई 2013) प्राण ने लाहौर में बनी पंजाबी फिल्म ‘यमला जट’ (1940) में पहली बार अभिनय किया था। देश विभाजन के बाद भारत में रह जाने के पहले तक प्राण ने लाहौर में बनी 20 से अधिक फिल्मों में काम किया। पिछले दिनों सुप्रसिद्ध गायिका शमशाद बेगम का निधन हुआ। उनकी भी शुरुआत लाहौर में हुई थी। आजादी के पहले लाहौर उत्तर भारत में फिल्म निर्माण का प्रमुख केन्द्र था। विभाजन के बाद यहां पाकिस्तान में बनी पंजाबी और उर्दू फिल्मों का निर्माण होता रहा, लेकिन आजादी के पहले की गहमागहमी नदारद हो गई। ज्यादातर हिंदू फिल्मकार, कलाकार और तकनीशियन ने मुंबई में आकर शरण ली। कुछ मुस्लिम फनकार मुंबई से पाकिस्तान चले गए। विभाजन के बाद पाकिस्तान में फिल्म इंडस्ट्री बहुत कामयाब नहीं रही। फिल्में बननी कम हो गईं, जो बनी भी उनकी क्वालिटी और कंटेंट ने पाकिस्तानी दर्शकों को भी नहीं रिझाया। 1965 तक भारत में बनी हिंदी फिल्में ही पाकिस्तानी दर्शकों को भाती रहीं। उन्हें ही वे अपने थिएटरों में देखते रहे। 1965 में पाबंदी लगने के बाद वीडियो पायरेसी के जरिए हिंद