फिल्म लॉन्ड्री : राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह: "एक अहंकारी मंत्री की दीवार पर टंगने की ख्वाहिश"
फिल्म लॉन्ड्री : राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह: "एक अहंकारी मंत्री की दीवार पर टंगने की ख्वाहिश" -अजय ब्रह्मात्मज फिल्म समारोह निदेशालय के वेबसाइट पर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के बारे में विस्तृत अभिलेख प्रकाशित है। उस अभिलेख में स्पष्ट शब्दों में लिखा है,’ राष्ट्रीय पुरस्कार , सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ सम्मान , दादा साहब फालके पुरस्कार के साथ महत्वपूर्ण समारोह में भारत के राष्ट्रपति द्वारा केंद्रीय मंत्री , सूचना एवं प्रसारण , तीन निर्णायक मंडलियों के अध्यक्ष , भारत के फिल्म महासंघ के प्रतिनिधि और अखिल भारतीय फिल्म कर्मचारी संघ और वरिष्ठ कर्मचारियों की उपस्थिति में प्रदान किया जाता है।‘ लाल रंग के चार शब्दों पर गौर कर लें। इसके बाद भी कोई आशंका या बहस की गुंजाइश रह जाती है तो निस्संदेह आगे कोई बात नहीं की जा सकती। वर्ष 1954 में 1953 की फिल्मों के पुरस्कार के साथ इसकी शुरूआत हुई थी। अभिलेख के मुताबिक ‘भारत सरकार द्वारा भारतीय सिनेमा के समूचे राष्ट्रीय प्रतिबिंब को सम्मिलित करने , देश के उच्चतम संभव मानदण्ड द्वारा योग्यता का निर्णय करने और स...