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विशाल भारद्वाज के मन की फिल्‍म है हैदर - रश्मि रवीजा

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हैदर  -रश्मि रवीजा  जब एक ईमानदार कोशिश की जाती है तो वह लोगों तक पहुँचती है . विशाल भारद्वाज ने समीक्षकों,आलोचकों, दर्शकों किसी को ध्यान में रख कर नहीं बल्कि सिर्फ अपने मन की कही है. हाउसफुल थियेटर, हर उम्र के दर्शक और गहन शान्ति . लोग स्तब्ध होकर परदे पर कश्मीर के परिदृश्य देख रहे थे .निकलते वक़्त दो युवाओं को कहते सुना, 'इतनी पावरफुल मूवी है ,एक बार और देखेंगे' 'हैदर' जैसे कश्मीर का प्रतीक, कवि ह्रदय ,संवेदनशील ,साहित्य प्रेमी. जब उसके सगे ही निहित स्वार्थ के लिए उसके अज़ीज़ पिता को गायब करवा देते हैं तो उन्हें वह पागलों की तरह ढूंढता है.पर इस क्रम में वह समझ नहीं पाता किसका विश्वास करे ,अपने सगों का या दुश्मनों के नुमाइंदों का .दोनों ही उसे कभी सही और कभी गलत लगते हैं और भयंकर खून खराबे के बाद वह विजयी तो होता है, पर उसके पास कुछ नहीं बचता .सब कुछ तबाह हो गया होता है. उसकी माँ गजाला का भी कश्मीर सा ही हाल है .जहर ख़ूबसूरत हैं ,पर उनके अपने, उनकी परवाह नहीं करते ,अपने आप में मशगूल रहते हैं . इसका फायदा उठा आस्तीन का सांप ,उन्हें प्यार का भुलावा देता

DDLJ:अच्छा है कि 'राज' हमारी यादों में जिंदा एक फिल्म किरदार है

-रश्मि रवीजा डीडीएलजे से जुड़ी मेरी यादें कुछ अलग सी हैं. इनमे वह किशोरावस्था वाला अनुभव नहीं है,क्यूंकि मैं वह दहलीज़ पार कर गृहस्थ जीवन में कदम रख चुकी थी.शादी के बाद फिल्में देखना बंद सा हो गया था क्यूंकि पति को बिलकुल शौक नहीं था और दिल्ली में उन दिनों थियेटर जाने का रिवाज़ भी नहीं था.पर अब हम बॉम्बे(हाँ! उस वक़्त बॉम्बे,मुंबई नहीं बना था) में थे और यहाँ लोग बड़े शौक से थियेटर में फिल्में देखा करते थे.एक दिन पति ने ऑफिस से आने के बाद यूँ ही पूछ लिया--'फिल्म देखने चलना है?'(शायद उन्होंने भी ऑफिस में डीडीएलजे की गाथा सुन रखी थी.) मैं तो झट से तैयार हो गयी.पति ने डी.सी.का टिकट लिया क्यूंकि हमारी तरफ वही सबसे अच्छा माना जाता था.जब थियेटर के अन्दर टॉर्चमैन ने टिकट देख सबसे आगेवाली सीट की तरफ इशारा किया तो हम सकते में आ गए.चाहे,मैं कितने ही दिनों बाद थियेटर आई थी.पर आगे वाली सीट पर बैठना मुझे गवारा नहीं था.यहाँ शायद डी.सी.का मतलब स्टाल था.मुझे दरवाजे पर ही ठिठकी देख पति को भी लौटना पड़ा.पर हमारी किस्मत अच्छी थी,हमें बालकनी के टिकट ब्लैक में मिल गए. फिल्म शुरू हुई तो काजोल की क