Posts

Showing posts with the label के के मेनन

फिल्‍म समीक्षा : एबीसीडी

Image
-अजय ब्रह्मात्मज एक डांसर क्या करता है? वह दर्शकों को अपनी अदाओं से इम्प्रेस करता है या अपनी भंगिमाओं से कुछ एक्सप्रेस करता है। प्रभाव और अभिव्यक्ति के इसी द्वंद्व पर 'एबीसीडी' की मूल कथा है। बचपन के दोस्त जहांगीर और विष्णु कामयाबी और पहचान हासिल करने के बाद डांस से 'इम्प्रेस' और 'एक्सप्रेस' करने के द्वंद्व पर अलग होते हैं। जहांगीर को लगता है कि इम्प्रेस करने के लिए उसे अपनी कंपनी में विदेशी नृत्य निर्देशक की जरूरत है। आहत होकर विष्णु लौट जाने का फैसला करता है, लेकिन कुछ युवक-युवतियों के उत्साह और लगन को एक दिशा देने के लिए वह रुक जाता है। 'एबीसीडी' एक प्रकार से वंचितों की कहानी है। समाज के मध्यवर्गीय और निचले तबकों के युवा साहसी और क्रिएटिव होते हैं, लेकिन असुविधाओं और दबावों की वजह से वे मनचाहे पेशों को नहीं अपना पाते। विष्णु एक जगह समझाता है कि काम वही करो, जो मन करे। मन का काम न करने से दोहरा नुकसान होता है। 'एबीसीडी' सामूहिकता, टीमवर्क, अनुशासन और जीतने की जिद्द की शिक्षा देती है। डांस ऐसा नशा है कि उसके बाद किसी नशे की ज

फ़िल्म समीक्षा:संकट सिटी

Image
बड़े शहर की भूमिगत दुनिया -अजय ब्रह्मात्मज बड़े शहरों में एक भूमिगत दुनिया होती है। इस दुनिया में अपराधी पलते और रहते हैं। उनकी जिंदगी में भी छल, धोखा, प्रपंच और कपट है। उनके भी सपने होते हैं और उन सपनों को पाने की कोशिशें होती हैं। वहां हमदर्दी और मोहब्बत होती है तो बदले की भावना भी। पंकज आडवाणी ने संकट सिटी में इसी दुनिया के किरदारों को लिया है। इन किरदारों को हम कार चोर, मैकेनिक, फिल्म निर्माता, बिल्डर, होटल मालिक, वेश्या और चालबाज व्यक्तियों के रूप में देखते हैं। सतह पर जी रहा आम आदमी सतह के नीचे की जिंदगी से नावाकिफ रहता है। कभी किसी दुर्घटना में भिड़ंत होने या किसी चक्कर में फंसने पर ही उस दुनिया की जानकारी मिलती है। गुरु की मुसीबत मर्सिडीज की चोरी और उसमें रखे एक करोड़ रुपए से शुरू होती है। एक के बाद दूसरी और दूसरी के बाद बाकी घटनाएं होती चली जाती हैं और बेचारा गुरु मुसीबतों के चक्रव्यूह में फंसता चला जाता है। निर्देशक पंकज आडवाणी ने गुरु के बहाने सड़ चुकी सामाजिक व्यवस्था में सक्रिय स्वार्थी और घटिया किस्म के पिस्सुओं (व्यक्तियों) का चेहरा दिखाया है। सभ्य समाज में हम उन्हें अपन