संकीर्णता पैदा हो गई है माहौल में-पंकज कपूर
पंकज कपूर के इंटरव्यू का दूसरा और आखिरी अंश ..यहां पंकज कपूर ने एनएसडी में चल रही राजनीति,अलकाजी पर लगे आरोप,हिंदी षिएटर की बुरी स्थिति और दूसरे अनेक मसलों को छुआ है। एनएसडी के छात्रों की इनमें रुचि हो सकती है। आप की टिप्पणियां मेरा मार्गदर्शन करेंगी। - राजनीतिक सक्रियता 0 नहीं , मैं कभी राजनीति में सक्रिय नहीं रहा। ऐसी रुचि ही नहीं जगी। चीजों की समझदारी और उसमें हिस्सेदारी भी रही , पर मैं सक्रिय नहीं था। साफ कहूं तो पेशेवर संस्थान में छात्र राजनीति को मैं आज भी नहीं समझ पाता हूं। वहां छात्र राजनीति की जगह नहीं है , ऐसा मेरा अपना ख्याल है। रानावि में एक छात्र संघ बनाई गई। इस छात्र संघ के होने का मतलब समझा सकते हैं आप। छात्र यह तय करने लगें कि निर्देशक किस छात्र को भूमिका दे। यह निहायत जहालत की बात है। आप जरूर लिखें। पेशेवर खासकर सृजनात्मक पेशे में राजनीति नहीं होनी चाहिए। आप कला का लोकतंत्रीकरण कैसे कर सकते हैं। हाउ कैन यू डू इट। इट इज नॉट पॉसिबल। आप यह बात कैसे कह सकते हैं कि एक आदमी परिश्रमी है , इसलिए वह अगला नाटक निर्देशित करे या अभिनय करे या प्रकाश व्यवस्था कर