लैंडमार्क धारावाहिक है ‘चाण्ाक्य’
-अजय ब्रह्मात्मज दूरदर्शन से प्रसारित धारावाहिकों में ‘ चाण्क्य ’ अपनी गुणवत्ता और वैचारिक आस्वादन के लिए आज भी याद किया जाता है। पच्चीस साल पहले 8 सितंबर,1991 को इसका प्रसारण आरंभ हुआ था। दूरदर्शन का यह धारावाहिक प्रसारण के समय विवादित और चर्चित भी रहा। 47 वें एपीसोड के प्रसारण के बाद इसे रोक दिया गया था। लेखक-निर्देशक अपनी कथा के अंत तक नहीं पहुंच पाए थे। वह अधूरापन आज भी महसूस किया जाता है। चर्चा चलती रहती है कि चाणक्य के जीवन पर फिल्म बननी चाहिए। ‘ चाणक्या ’ के लेखक,निर्देशक और शीर्षक अभिनेता डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी थे। उन्होंने उसके बाद ‘ पिंजर ’ , ’ मोहल्ला अस्सी ’ और ‘ जेड प्लस ’ फिल्में निर्देशित कीं। इनमें ‘ मोहल्ला अस्सी ’ अभी रिलीज नहीं हुई है। प्रसारण की पच्चीसवीं वर्षगांठ पर डॉ.चंद्रप्रकाश द्विवेदी साझा कर रहे हैं अपनी यादें ‘ झंकार ’ के साथ.... नए मापदंड का धारावाहिक ‘ चाण्क्य ’ के प्रसारण के पच्चीस साल हो गए। यों मैंने 7 अप्रैल 1986 को ‘ चाणक्य ’ पर काम करना शुरू किया था। मैंने दूरदर्शन को कांसेप्ट भेजा था,जिसे रिजेक्ट कर दिया