फिल्म समीक्षा : एक थी डायन
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यह किस्सा है। यह खौफ है। यह विभ्रम है। यह हॉरर फिल्म है। यह सब का मिश्रण है। क्या है 'एक थी डायन' एकता कपूर और विशाल भारद्वाज की प्रस्तुति एक थी डायन के निर्देशक कन्नन अय्यर हैं। इसे लिखा है मुकुल शर्मा और विशाल भारद्वाज ने। उन्होंने भारतीय समाज में प्रचलित डायन कथा को नया आयाम दिया है। मुख्यधारा के चर्चित कलाकारों को प्रमुख भूमिकाएं सौंप कर उन्होंने दर्शकों को भरोसा तो दे ही दिया है कि यह हिंदी में बनी आम हॉरर फिल्म नहीं है। हां,इसमें इमरान हाशमी हैं। उनके साथ कोंकणा सेन शर्मा,कल्कि कोइचलिन और हुमा कुरेशी भी हैं। संयोग ऐसा हुआ कि इस फिल्म का क्लाइमेक्स मैंने पहले देख लिया और फिर पूरी फिल्म देखी। इसके बावजूद फिल्म में रुचि बनी रही और मैं उस क्षण की प्रतीक्षा करता रहा जहां फिल्म चौंकाती है। अप्रत्याशित घटनाएं हमेशा रोचक और रोमांचक होती हैं। फिल्म जादू“र बोबो इमरान हाशमी के मैजिक शो से आरंभ होती है। बोबो को मतिभ्रम होता है कि उसे कोई अनदेखी शक्ति तंग कर रही है। तार्किक जादूगर अपने मनोवैज्ञानिक मित्र की मदद लेता है। प्निोसिस के जरिए अपने अतीत में पहुंचने पर उसे