फिल्म समीक्षा : दिलवाले
कार और किरदार -अजय ब्रह्मात्मज रोहित शेट्टी की ‘ दिलवाले ’ और आदित्य चोपड़ा की ‘ दिवाले दुल्हनिया ले जाएंगे ’ में दिलवाले के अलावा एक संवाद की समानता है-बड़े-बड़ शहरों में एसी छोटी-छोटी बाते होती रहती है सैनोरीटा। इसे बोलते हुए शाह रुख खान दर्शकों को हंसी के साथ वह हसीन सिनेमाई याद भी देते हें,जो शाह रुख खान और काजोल की जोड़ी के साथ जुड़ी हुई है। ऐसा कहा और लिखा जाता है कि पिछले 20 सालों में ऐसी हॉट जोड़ी हिंदी फिल्मों में नहीं आई। निश्चित ही इस फिल्म के खयाल में भी यह जोड़ी रही होगी। ज्यादातर एक्शन और कॉमेडी से लबरेज फिल्में बनाने में माहिर रोहित शेट्टी ने इसी जोड़ी की उपयोगिता के लिए फिल्म में उनके रोमांटिक सीन और गाने रखे हैं। तकनीकी प्रभावो से वे शाह रुख और काजोल को जवान भी दिखाते हैं। हमें अच्छा लगता है। हिंदी स्क्रीन के दो प्रमियों को फिर से प्रेम करते,गाने गाते और नफरत करते देखने का आनंद अलग होता है। रोहित शेट्टी की फिल्मों में कार भी किरदार के तौर पर आती हैं। कारें उछलती हैं,नाच...