प्रेम-रोमांस : खुद से रोमांस करता है फॉरेस्ट गम्प
मैंने बसंत के मौसम में प्रेम-रोमांस से संबंधित फिल्मों पर लिखने का आग्रह फेसबुक पर किया तो राजेश कुमार का पहलाख आया हैत्र उन्होंने फॉरेस्ट गम्प पर लिखा है। आप इसका आनंद लें और अपनी पसंद की पिफल्म के बारे में लिख भेजें। उम्मीद है कि चवन्नी का यह आयोजन रससिक्त होगा। आप brahmatmaj@gmail.com पर लेख भेजें। -राजेश कुमार हिंदी फिल्में में तो अमूमन रोमांस से सराबोर होती हैं, लेकिन शायद अतिरेक दोहराव की वजह से वो जेहन से जल्द ही उतर जाती हैं. फिर चाहे वो यशराजनुमा बिग बजट रोमांस हो या सत्यजीत रे का साहित्यिक टच लिए रोमांटिक लव. अमर प्रेम और द जैपेनीज वाइफ जैसी फिल्मों का रोमांस भी यादगार है लेकिन टॉम हैंक्स की बेहतरीन फिल्म फॉरेस्ट गम्प फिल्म मुझे रोमांस की बेहतरीन दास्तान लगती है. यह फिल्म सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका के रोमांस तक नहीं सिमटती बल्कि यह मां बेटे, दोस्त, बेटे और बेमेल पत्नी के रोमांस को बयां करती हैं. और सबसे बडी बात यह कि फॉरेस्ट गम्प में नायक का अंत तक खुद से रोमांस गजब का है. इस फिल्म में नायक किसी भी कीमत में खुद से रोमांस करना नहीं छोडता. चाहे वो तब हो, जब