फिल्म समीक्षा : सनम तेरी कसम
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रोमांस और रिश्तों का घालमेल -अजय ब्रह्मात्मज राधिका राव और विनय सप्रू की ‘ सनम तेरी कसम ’ रोमांस के साथ संबंधों की भी कहानी है। फिल्म की लीड जोड़ी हर्षवर्द्धन राणे और मावरा होकेन की यह लांचिंग फिल्म है। पूरी कोशिश है कि दोनों को परफारमेंस और अपनी खूबियां दिखाने के मौके मिलें। लेखक-निर्देशक ने इस जरूरत के मद्देनजर फिल्म के अपने प्रवाह को बार-बार मोड़ा है। इसकी वजह से फिल्म का अंतिम प्रभाव दोनों नए कलाकारों को तरजीह तो देती है,लेकिन फिल्म असरदार नहीं रह जाती। फिल्म फ्लैशबैक से आरंभ होती है। नायक इंदर(हर्षवर्द्धन राणे) को अपने जीवन की घटनाएं याद आती हैं। फ्लैशबैक में इंदर के जीवन में प्रवेश करने के साथ ही हम अन्य किरदारों से भी मिलते हैं। जिस अपार्टमेंट में पार्थसारथी परिवार पहले से रहता है,वहीं इंदर रहने आ जाता है। इंदर की अलग जीवन शैली है। पार्थसारथी परिवार के मुखिया जयराम की पहली भिड़ंत ही सही नहीं रहती। वे उससे नफरत करते हैं। हिंदी फिल्मों की परिपाटी के मुताबिक यहीं तय हो जाता है कि इस नफरत में ही मोहब्बत पैदा होगी। कुछ यों होता है कि