हिंदी टाकीज-2 (3) : प्यार-मोहब्बत-बदले की कहानी - अविनाश कुमार चंचल
हिंदी टाकीज 2 में इस बार अविनाश कुमार चंचल। आप सभी से आग्रह है कि सिनेमा के आरंभिक अनुभव साझा करें। नाम अविनाश कुमार चंचल। कुल जमा तेईस वर्ष । बेगूसराय के एक गांव का रहने वाला हूं। हाजीपुर से स्कूली पढ़ाई। पटना विश्वविद्यालय से पढ़ाई ग्रेजुएशन। लिखने-पढ़ने और रिवोल्यूशन के भ्रम ने आईआईएमसी (दिल्ली) पहुंचाया। वहां से कोर्स खत्म कर हिन्दुस्तान दैनिक में एक साल तक रिपोर्टर की नौकरी की। फिलहाल घूमना और कई सारे वेबसाइट-अखबारों के लिए फूल टाइम सा लिख रहा हूं। कुछ दिनों से रोटी के लिए एक गैरसरकारी संगठन के लिए कन्सल्टन्सी का काम कर रहा हूं। किसी खास मंजिल की तलाश नहीं, न ही मिली है। बस सफर शुरू किया है - रास्ते में ही मरने की इच्छा। चवन्नी चैप में हिन्दी टाकीज पढ़ रहा था। इधर मैं ओल्ड पोस्ट पर क्लिक करता जा रहा था उधर बचपन से लेकर अबतक सिनेमा देखी अनुभव का रील भी घूमता चलता रहा। पहली बार किसी हॉल में सिनेमा कहां देखा-सोचता हूं तो फ्लैश बैक में दलसिंहसराय (समस्तीपुर का एक कस्बा) का वो हॉल चला आता है शायद मोहरा फिल्म रही होगी लेकिन रजा मुराद जैसी कोई भारी आवाज भी