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फिल्‍म समीक्षा : मिर्जा़ जूलिएट

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फिल्‍म रिव्‍यू दबंग जूली की प्रेमकहानी मिर्जा जूलिएट -अजय ब्रह्मात्‍मज जूली शुक्‍ला उर्फ जूलिएट की इस प्रेमकहानी का हीरो रोमियो नहीं,मिर्जा है। रोमियो-जूलिएट की तरह मिर्जा-साहिबा की प्रेम कहानी भी मशहूर रही है। हाल ही में आई ‘ मिर्जिया ’ में उस प्रेमकहानी की झलक मिली थी। ‘ मिर्जा जूलिएट ’ में   की जूलिएट में थोड़ी सी सा‍हिबा भी है। राजेश राम सिंह निर्देशित ‘ मिर्जा जूलिएट ’ एक साथ कई कहानियां कहने की कोशिश करती है। जूली शुक्‍ला उत्‍तर प्रदेश के मिर्जापुर में रहती है। दबंग भाइयों धर्मराज,नकुल और सहदेव की इकलौती बहन जूली मस्‍त और बिंदास मिजाज की लड़की है। भाइयों की दबंगई उसमें भी है। वह बेफिक्र झूमती रहती है और खुलआम पंगे लेती है। लड़की होने का उसे भरपूर एहसास है। खुद के प्रति भाइयों के प्रेम को भी वह समझती है। उसकी शादी इलाहाबाद के दबंग नेता पांडे के परिवार में तय हो गई है। उसके होन वाले पति राजन पांडे कामुक स्‍वभाव के हैं। वे ही उसे जूलिएट पुकारते हैं। फोन पर किस और सेक्‍स की बातें करते हैं,जिन पर जूलिएट ज्‍यादा गौर नहीं करती। अपने बिंदास जीवन में लव,सेक्‍स और रो

फिल्‍म समीक्षा : एनएच 10

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'अजय ब्रह्मात्‍मज  स्टार: 4 नवदीप सिंह और अनुष्का शर्मा की 'एनएच 10' पर सेंसर की कैंची चली है। कई गालियां, अपशब्द कट गए हैं और कुछ प्रभावपूर्ण दृश्यों को छोटा कर दिया गया है। इस कटाव से अवश्य ही 'एनएच 10' के प्रभाव में कमी आई होगी। 'एनएच 10' हिंदी फिल्मों की मनोरंजन परंपरा की फिल्म नहीं है। यह सीधी चोट करती है। दर्शक सिहर और सहम जाते हैं। फिल्म में हिंसा है, लेकिन वह फिल्म की थीम के मुताबिक अनगढ़, जरूरी और हिंसक है। चूंकि इस घात-प्रतिघात में खल चरित्रों के साथ नायिका भी शामिल हो जाती है तो अनेक दर्शकों को वह अनावश्यक और अजीब लग सकता है। नायिका के नियंत्रण और आक्रमण को आम दर्शक स्वीकार नहीं कर पाता है। दरअसल, प्रतिशोध और प्रतिघात के दृश्यों के केंद्र में नायक(पुरुष) हो तो पुरुष दर्शक अनजाने ही खुश और संतुष्ट होते हैं। 'एनएच 10' में इंटरवल से ठीक पहले अपने पति की रक्षा-सुरक्षा के लिए बेतहाशा भागती मीरा के बाल सरपट भागते घोड़़ों के अयाल की हल में उछलते है। वह अपने तन-बदन से बेसुध और मदद की उम्मीद में दौड़ी जा रही है। नवदीप सिंह ने क