निर्देशक सईद मिर्जा का पत्रनुमा उपन्यास
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-अजय ब्रह्मात्मज अरविंद देसाई की अजीब दास्तान से लेकर नसीम जैसी गहरी, भावपूर्ण और वैचारिक फिल्में बना चुके सईद मिर्जा के बारे में आज के निर्देशक ज्यादा नहीं जानते। दरअसल, वे डायरेक्टर अजीज मिर्जा के छोटे भाई हैं। उनका एक परिचय और है। वे अख्तर मिर्जा के बेटे हैं और उल्लेखनीय है कि अख्तर मिर्जा ने ही नया दौर फिल्म लिखी थी। दरअसल, सईद मिर्जा ने नसीम के बाद हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की बदलती स्थिति को देखते हुए निर्देशन से संन्यास ले लिया। उन्होंने न तो माथा पीटा और न ही किसी को गाली दी। वे मुंबई छोड़कर चले गए और इन दिनों ज्यादातर समय गोवा में ही बिताते हैं। इधर गोवा में रहते हुए उन्होंने एक पत्रनुमा उपन्यास लिखा है, जिसमें वे गुजर चुकीं अपनी अम्मी को आज के हालात बताते हैं और साथ ही उनकी बातें, उनके फैसले और उनका नजरिया भी पेश करते हैं। सईद मिर्जा ने इस किताब को नाम दिया है-अम्मी- लेटर टू ए डेमोक्रेटिक मदर। सईद मिर्जा की यह किताब उनकी फिल्मों की तरह साहित्यिक परिपाटी का पालन नहीं करती। संस्मरण, विवरण, चित्रण, उल्लेख और स्क्रिप्ट के जरिए उन्होंने अपने माता-पिता की प्रेम कहानी गढ़ी है। उन्होंने