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बॉक्स ऑफिस:०७.०१.२००९

गजनी की कमाई 100 करोड़ से ज्यादा गजनी के निर्माताओं ने 170 करोड़ की सकल आय (ग्रौसर) का विज्ञापन चला रखा है। ट्रेड सर्किल में गजनी की कमाई को लेकर बहस चल रही है। हर मामले में असंतुष्ट रहने वाले विश्लेषक बता रहे हैं कि गजनी की वास्तविक आय ज्यादा नहीं होगी। तर्क यह है कि कारपोरेट हाउस के सक्रिय होने और मल्टीप्लेक्स संस्कृति आने के बाद कोई भी फिल्म जबरदस्त मुनाफे में नहीं आ सकी है। दूसरी तरफ कुछ ट्रेड विश्लेषकबता रहे हैं कि गजनी इस दशक में सौ करोड़ की कमाई करने वाली पहली फिल्म होगी। कमाई कम-ज्यादा हो सकती है, लेकिन इसमें अब दो राय नहीं रही कि गजनी पिछले साल की सबसे बड़ी हिट है। उसे एक हफ्ते का खाली मैदान मिला और इस हफ्ते भी उसके दर्शकों को अपनी तरफ खींचने वाली कोई फिल्म रिलीज नहीं हो रही है। अक्षय कुमार की चांदनी चौक टू चाइना आने के बाद ही गजनी के दर्शकों में उल्लेखनीय गिरावट आ सकती है। आमिर खान की गजनी ने देश के अंदर और बाहर के दर्शकों को आकर्षित किया है। तात्पर्य यह कि गजनी छोटे शहरों से लेकर विदेशी शहरों तक में चल रही इस तरह आमिर खान के दर्शकों का विस्तार हुआ है। रब ने बना दी जोड़ी दूसर

बॉक्स ऑफिस:१४.११.२००८

ईएमआई को लगा झटका राजश्री प्रोडक्शन ने एक विवाह ऐसा भी को पुराने तरीके से रिलीज किया। मुंबई के चंद थिएटरों में यह फिल्म लगी है। देश के दूसरे शहरों का भी यही हाल है। राजश्री टीम का मानना है कि उनकी फिल्म के दर्शक धीरे-धीरे बढ़ेंगे। पहले हफ्ते में इस फिल्म का कलेक्शन औसत रहा। देखना है कि अगले हफ्तों में क्या स्थिति रहती है? थिएटरों से इस फिल्म के उतरने की संभावना नहीं है, क्योंकि राजश्री ने सभी शहरों में ऐसे थिएटर चुने हैं जहां फिल्म लंबे समय तक दिखायी जा सके। ईएमआई को अवश्य झटका लगा है। सोचा नहीं जा सकता था कि संजय दत्त की फिल्म की ओपनिंग 15-20 प्रतिशत होगी। इस फिल्म के दर्शकों के बढ़ने की उम्मीद भी नहीं है। पुरानी फिल्मों में गोलमाल रिट‌र्न्स हिट होने की तरफ बढ़ चुकी है। निर्माता, निर्देशक और कलाकार सभी खुश हैं। अब तो गोलमाल-3 की बात चल रही है। मधुर भंडारकर की फैशन महानगरों में अच्छी चल रही है। फैशन को शहरी दर्शकों ने पसंद किया है। यह फिल्म औसत व्यापार कर लेगी। इस हफ्ते तरूण मनसुखानी की दोस्ताना और शशांत सिंह की दसविदानिया रिलीज हो रही है। फ्लॉप के अंधेरे से निकली फिल्म इंडस्ट्री ०७.

बॉक्स ऑफिस:१७.१०.२००८

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सफल नही रही हैलो मुंबई में हैलो की सक्सेस पार्टी हो चुकी है। निर्माता और निर्देशक इसे कामयाब घोषित करने में लगे हैं। दावा तो यह भी है कि इसकी ओपनिंग जब वी मेट से अच्छी थी। जब भी किसी नयी रिलीज की तुलना पुरानी कामयाब फिल्म से की जाती है तो शक बढ़ जाता है। फिल्म हिट हो चुकी हो तो बताने की क्या जरूरत है? वह तो सिनेमाघरों में दिखाई पड़ने लगता है और सिनेमाघरों को देख कर हैलो को सफल नहीं कहा जा सकता। हैलो का आरंभिक कलेक्शन 30 से 40 प्रतिशत रहा। पिछले हफ्ते वह अकेले ही रिलीज हुई थी और उसके पहले रिलीज हुई द्रोण एवं किडनैप को दर्शकों ने नकार दिया था। फिर भी हैलो देखने दर्शक नहीं गए। लगता है चेतन भगत का उपन्यास वन नाइट एट कॉल सेंटर पढ़ चुके दर्शकों ने भी फिल्म में रुचि नहीं दिखाई। सलमान खान और कैटरीना कैफ आकर्षण नहीं बन सके। पुरानी फिल्मों में द्रोण और किडनैप फ्लॉप हो चुकी हैं। इस हफ्ते हिमेश रेशमिया की कर्ज रिलीज हो रही है। उसके साथ एनीमेशन फिल्म चींटी चींटी बैंग बैंग और लंदन के बम धमाकों पर आधारित जगमोहन मूदंड़ा की शूट ऑन साइट भी आ रही है।

बॉक्स ऑफिस:०९.१०.२००८

द्रोण और किडनैप ने निराश किया कई बार धारणाएं फिल्म को चलाती हैं और कई बार उनके खिलाफ भी काम करती हैं। पिछले हफ्ते रिलीज हुई फिल्मों के संदर्भ में यह बात एक साथ सच और गलत हुई। माना जा रहा था कि संजय गढ़वी की किडनैप को दर्शक मिलेंगे। इमरान खान फिल्म के सबसे बड़े आकर्षण थे। फिल्म को आरंभ में 70-80 प्रतिशत दर्शक मिले भी, लेकिन दर्शकों की निराशा ने उसे अगले ही दिन तीस प्रतिशत नीचे ला दिया। किडनैप के मामले में प्रचार से बनी धारणा गलत साबित हुई। दूसरी धारणा सच निकली। द्रोण के विज्ञापन आने के समय से ही कानाफूसी चल रही थी कि फिल्म को शायद ही दर्शक पसंद करें। धारणा सच निकली। द्रोण का आरंभिक कलेक्शन किडनैप से कम रहा। हालांकि अब दोनों समान रूप से नीचे फिसल गई हैं और लगभग बराबर बिजनेस कर रही हैं। संजय गढ़वी और गोल्डी बहल दोनों ने दर्शकों को निराश किया। चूंकि दोनों फिल्में महंगी थी, इसलिए घाटे की राशि ज्यादा होगी। उल्लेखनीय है कि दोनों ही फिल्मों को चार दिनों का वीकएंड मिला था, पर फिल्मों को कोई फायदा नहीं हो सका। महानगरों और मल्टीप्लेक्स से बाहर निकलें तो सुदूर शहरों में भोजपुरी फिल्म हम बाहुबली अच

बॉक्स ऑफिस:०२.१०.२००८

चल रही है वेलकम टू पिछले हफ्ते दो कामेडी फिल्में रिलीज हुई हरि पुत्तर और रफूचक्कर। बाक्स आफिस पर दोनों का प्रदर्शन बुरा रहा। दोनों ही फिल्मों से कोई उम्मीद नहीं थी। हरि पुत्तर नाम की वजह से विवादों में थी और लग रहा था कि बच्चों के लायक मनोरंजक फिल्म होगी, लेकिन बच्चे इसे देखने ही नहीं गए। लकी कोहली और राजेश बजाज निर्देशित यह फिल्म इतनी बुरी थी कि इसे दर्शक नहीं मिले। रफूचक्कर का हाल हरि पुत्तर से भी बुरा रहा। कामेडी के नाम पर बनी इन दोनों फिल्मों को वेलकम टू सज्जनपुर के सामने रखकर देख लें तो पता चल जाएगा कि दर्शक क्या देखना चाहते हैं? वेलकम टू सज्जनपुर उम्मीद से बेहतर व्यवसाय कर रही है। न तो इसकी भाषा आड़े आ रही है और न ही फिल्म के छोटे कलाकार मनोरंजन में अड़चन बन रहे हैं। यह फिल्म मल्टीप्लेक्स के साथ-साथ सिंगल स्क्रीन में भी चल रही है। छोटे शहरों में तो इस फिल्म का व्यवसाय उल्लेखनीय है। पटना, भोपाल और लखनऊ में इसे देखने दर्शक उमड़ रहे हैं। वेलकम टू सज्जनपुर हिंदी फिल्म की पुरानी परंपरा को फिर से जीवित कर गई है। इससे पहले की फिल्मों में रॉक ऑन और वेडनेसडे अभी तक सिनेमाघरों में टिकी हुई

बॉक्स ऑफिस:२६.०९.२००८

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वेलकम टू सज्ज्जनपुर को मिले दर्शक पिछले हफ्ते की तीनों ही फिल्में कामेडी थीं। सीमित बजट की इन फिल्मों में कोई पॉपुलर स्टार नहीं था। कमर्शियल दृष्टिकोण से देखें तो इन सभी में सबसे ज्यादा पॉपुलर अमृता राव को माना जा सकता है। वह वेलकम टू सज्जनपुर में थीं। वेलकम टू सज्जनपुर श्याम बेनेगल की फिल्म है। कह सकते हैं कि उन्होंने पहली बार इस विधा की फिल्म बनाने की कोशिश की और सफल रहे। वेलकम टू सज्जनपुर को दर्शक मिल रहे हैं। शुक्रवार को इस फिल्म को ओपनिंग उल्लेखनीय नहीं थी, लेकिन शनिवार के रिव्यू और आरंभिक दर्शकों की तारीफ से इसके दर्शकबढ़े। इस फिल्म के लिए 40-50 प्रतिशत दर्शक कम नहीं कहे जा सकते। इस फिल्म को छोटे शहरों में आक्रामक प्रचार के साथ अभी भी ले जाया जाए तो कुछ और दर्शक मिलेंगे। यह भारतीय गांव की कहानी है, जहां हंसी के लिए सीन नहीं लिखने पड़ते। बाकी दो फिल्मों में हल्ला के निर्देशक जयदीप वर्मा अपनी फिल्म को मिली प्रतिक्रिया से दुखी और नाराज है। उन्हें लगता है कि उनकी उद्देश्यपूर्ण फिल्म को किसी साजिश के तहत नकार दिया गया। ऐसा नहीं है। फिल्म ही बुरी थी। उन्हें आत्मावलोकन करना चाहिए। तीसर

बॉक्स ऑफिस:२६.०९,२००८

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औसत व्यापार कर लेगी 1920 निर्माता सुरेन्द्र शर्मा की विक्रम भट्ट निर्देशित डरावनी फिल्म 1920 हर जगह पसंद की गयी। मुंबई के मल्टीप्लेक्स से लेकर छोटे शहरों के सिं गल स्क्रीन तक में इसे ठीक-ठाक दर्शक मिल रहे हैं। विक्रम भट्ट की पिछली फिल्मों की तुलना में 1920 बड़ी हिट है। एक लंबे समय के बाद विक्रम भट्ट ने फिर से कामयाबी का स्वाद चखा है। मुंबई में आरंभिक दिनों में इसका कलेक्शन 55 से 60 प्रतिशत के बीच रहा। चूंकि फिल्म की तारीफ हो रही है, इसलिए ट्रेड पंडित अनुमान लगा रहे हैं कि 1920 औसत व्यापार कर लेगी। नए चेहरों रजनीश दुग्गल और अदा शर्मा को लेकर बनी फिल्म के लिए यह बड़ी बात है। अर्जुन बाली की रू-ब-रू में भले ही रणदीप हुडा और शहाना गोस्वामी ने बेहतर काम किया था। लेकिन लचर पटकथा और कमजोर प्रस्तुति केकारण फिल्म दर्शकों को नहीं बांध सकी। पहले दिन इसे सिर्फ 15 प्रतिशत दर्शक मिले। रितुपर्णो घोष की फिल्म द लास्ट लियर अंग्रेजी फिल्म है, लेकिन अमिताभ बच्चन, प्रीति जिंटा और अर्जुन रामपाल के कारण हिंदी फिल्मों के ट्रेड सर्किल में उसकी चर्चा है। इस फिल्म को पर्याप्त दर्शक नहीं मिले। मुं

बॉक्स ऑफिस:२९.०८.२००८

नही चला मल्लिका का जादू सिंह इज किंग ने यह ट्रेंड चालू कर दिया है कि शुक्रवार को फिल्म रिलीज करो और अगले सोमवार को कामयाबी का जश्न मना लो। इसके दो फायदे हैं- एक तो ट्रेड में बात फैलती है कि फिल्म हिट हो गयी है और दूसरे कामयाबी के जश्न की रिपोर्टिग देख, सुन और पढ़ कर दूसरे शहरों के दर्शकों को लगता है कि फिल्म हिट है, तभी तो पार्टी हो रही है। इस तरह कामयाबी के प्रचार से फिल्म को नए दर्शक मिल जाते हैं। पिछले सोमवार को फूंक की कामयाबी की पार्टी थी। एक बुरी फिल्म की कामयाबी का जश्न मनाते हुए निर्देशक राम गोपाल वर्मा की संवेदना अवश्य आहत हुई होगी। मन तो कचोट रहा होगा, लेकिन कैसे जाहिर करें? बहरहाल, फूंक के प्रचार से आरंभिक दर्शक मिले। पहले दिन इसका कलेक्शन 70 प्रतिशत था। राम गोपाल वर्मा की पिछली फिल्मों के व्यापार को देखते हुए इसे जबरदस्त ओपनिंग मान सकते हैं। शनिवार को दर्शक बढ़े, लेकिन रविवार से दर्शक घटने आरंभ हो गए। इस फिल्म की लागत इतनी कम है कि सामान्य बिजनेस से भी फिल्म फायदे में आ गयी है। मान गए मुगले आजम और मुंबई मेरी जान का बुरा हाल रहा। संजय छैल की मान गए मुगले आजम देखने दर्शक गए

बॉक्स ऑफिस:२२.०८.२००८

पर्व-त्योहार से हुआ फायादा पर्व-त्योहार के दिनों में सिनेमाघरों में भीड़ बढ़ जाती है। साथ में छुट्टियां आ जाएं तो टिकट बिक्री अच्छी होती है। पिछले हफ्ते रिलीज हुई बचना ऐ हसीनों और गाड तुसी ग्रेट हो को 15 अगस्त, रक्षाबंधन, शब-ए-बारात और नवरोज के साथ रविवार का फायदा हुआ। चार दिनों में फिल्मों का आरंभिक कलेक्शन संतोषजनक रहा। बचना ऐ हसीनों यशराज की फिल्म है। इस बार उन्हें सामान्य लाभ होता दिख रहा है। टशन के गम के बाद यशराज टीम में खुशी की लहर लौटी है। महानगरों और मल्टीप्लेक्स में यह फिल्म अधिक पसंद की जा रही है। सिंगल स्क्रीन और अपेक्षाकृत मध्यम व छोटे शहरों में इसके दर्शक तेजी से घट रहे हैं। फिल्म की कहानी और किरदार हिंदी सिनेमा के दर्शक से कनेक्ट नहीं हो पाए। दूसरी फिल्म गाड तुसी ग्रेट हो में सलमान खान के कारण दर्शकों ने रुचि दिखाई। यह फिल्म छोटे शहरों और सिंगल स्क्रीन में ज्यादा अच्छा व्यवसाय कर रही है। वैसे इस फिल्म के प्रति भी दर्शकों का उत्साह जल्दी ही ठंडा हो गया। मंगलवार से इस फिल्म के दर्शक घटे हैं। लगता है कि बचना ऐ हसीनों और गाड तुसी ग्रेट हो सामान्य बिजनेस ही कर पाएंगी। पिछली फ

बॉक्स ऑफिस:१५.०८ २००८

सिंह इज किंग ने बनाए नए रिकार्ड अक्षय कुमार और विपुल शाह ने प्रचार के तरीके सीख लिए हैं। सिंह इज किंग को चर्चा में रखने के लिए दोनों लगातार मीडिया से मुलाकात और बातचीत कर रहे हैं। सोमवार को उन्होंने जश्न-ए-कामयाबी की पार्टी भी रख दी और बताया कि सिंह इज किंग ने सारे पुराने रिकार्ड तोड़ दिए हैं। अक्षय कुमार और विपुल शाह को और क्या चाहिए? अत्यंत कारगर तरीके से प्रचारित सिंह इज किंग को ओपनिंग अपेक्षा से थोड़ी कम रही। शत-प्रतिशत ओपनिंग नहीं हो सकी। मुंबई में बारिश की वजह से दर्शकों को दिक्कत हुई। मुंबई में एक मल्टीप्लेक्स ने प्रति दिन 28 शो रखे और उतने दर्शक जुटा लिए। सिंह इज किंग के संबंध में समीक्षकों की मिश्रित प्रतिक्रिया है। उसकी वजह से ऐसा माना जा रहा है आने वाले दिनों में दर्शक कम होंगे। उससे वितरकों और प्रदर्शकों को थोड़ा नुकसान हो सकता है, क्योंकि यह फिल्म भारी कीमत में सभी ने खरीदी है। फिल्म की लागत अधिक होने के कारण कलेक्शन की राशि को मुनाफा बनने में वक्त लगेगा। विपुल शाह खुश हैं कि उनकी फिल्म ने आरंभिक कलेक्शन के नए रिकार्ड बनाए हैं। अगली और पगली के प्रति बनी आरंभिक जिज्ञासा समा

बॉक्स ऑफिस:०८.०८.२००८

तमाचों के डर से भागे दर्शक 99 तमाचे और एक किस का जुमला काम नहीं आया। दर्शकों ने मल्लिका शेरावत के तमाचों और किस में रुचि नहीं दिखाई। पीएनसी की फिल्म अगली और पगली का आक्रामक प्रचार भी दर्शकों को सिनेमाघरों में नहीं खींच सका। चूंकि प्यार के साइड इफेक्ट्स चल गई थी, इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि मादक मल्लिका और भोले रणवीर की जोड़ी को देखने दर्शक आएंगे। पहले तीन दिनों में 30-35 प्रतिशत दर्शक आए भी, किंतु उन पर मल्लिका के तमाचों का ऐसा असर हुआ कि उन्होंने अपने दोस्तों और परिचितों को सिनेमाघरों में जाने से रोक दिया। मिशन इस्तांबुल और मनी है तो हनी है फ्लाप की सूची में शामिल हो गई हैं। अपूर्व लाखिया छुट्टी मनाने अमेरिका चले गए हैं। अच्छा ही है, क्योंकि फिल्म की असफलता की कहानियां पढ़ कर उन्हें तकलीफ होती। मनी है तो हनी है गोविंदा और मनोज बाजपेयी के बावूजद ध्वस्त हो गई। पिछले हफ्ते विभिन्न सिनेमाघरों में दर्शकों के अभाव में इस फिल्म के कई शो रद्द करने पड़े। शाहिद कपूर की किस्मत कनेक्शन अवश्य ही औसत से ज्यादा व्यापार कर गई। विवाह और जब वी मेट के बाद शाहिद कपूर की किस्मत कनेक्शन की कामयाबी ने उनका

बॉक्स ऑफिस:०१.०८.२००८

लुढ़कीं दोनों फिल्में अपूर्व लाखिया की मिशन इस्तांबुल और गणेश आचार्य की मनी है तो हनी है बाक्स आफिस पर लगभग समान गति से लुढ़क गई। दोनों ही फिल्मों को दर्शकों ने नकार दिया। क्या हम मान लें कि लव स्टोरी का ट्रेंड चल रहा है? जाने तू या जाने ना के हिट होने और किस्मत कनेक्शन के अच्छे प्रदर्शन के बाद माना जा सकता है कि सावन के मौसम में दर्शक प्रेम कहानियों में मस्ती ले रहे हैं। एक्शन फिल्म मिशन इस्तांबुल का रोमांच और कॉमेडी फिल्म मनी है तो हनी है की गुदगुदी उन्हें नहीं बांध सकी। उम्मीद की जा रही थी कि मिशन इस्तांबुल को छोटे शहरों और सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में पर्याप्त दर्शक मिलेंगे। फिल्म देखकर निकले दर्शकों ने दोस्तों और परिचितों से फिल्म देखने की सिफारिश नहीं की। यही हाल मनी है तो हनी है का रहा। गोविंदा सहित छह कलाकारों की मौजूदगी के बावजूद दर्शकों को हंसने के ज्यादा अवसर नहीं मिले। केवल मनोज बाजपेयी इस डूबती साधारण फिल्म में तिनके का सहारा बने रहे। फिल्म के निर्माता कुमार मंगत अवश्य परेशान होंगे कि आधा दर्जन फ्लाप फिल्मों के बाद वे कैसी फिल्मों की प्लानिंग करें। मिशन इस्तांबुल को 30 प्र

बॉक्स ऑफिस:२५.०७.२००८

बाक्स आफिस पर थोड़ी हलचल दिखी पिछले हफ्ते रिलीज हुई महबूबा और खेला को दर्शक नहीं मिले। महबूबा आठ साल बासी फिल्म थी। इस फिल्म के हीरो संजय दत्त और अजय देवगन का लुक भी बदल चुका है। मनीषा कोइराला तो अब पेरिस में घर बसाने का सोच रही हैं। पुराने लुक के स्टार आज के दर्शकों को बिल्कुल पसंद नहीं आए। अफजल खान की महबूबा दर्शकों को नहीं रिझा सकी। रितुपर्णो घोष की बांग्ला फिल्म खेला हिंदी में डब की गई थी। स्त्री-पुरुष संबंध की ऐसी संवदेनशील फिल्मों के सीमित दर्शक होते हैं। खेला से उम्मीद भी नहीं थी कि उसके लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ेगी। पहले की फिल्मों में लव स्टोरी 2050 के दर्शक नहीं बढ़े। फिल्म के प्रति समीक्षकों और आम दर्शकों की प्रतिक्रिया लगभग एक सी होने के कारण इस फिल्म का आरंभिक उफान पहले ही हफ्ते में उतर गया। हैरी बावेजा इस महत्वाकांक्षी फिल्म में असफल रहे। दूसरी तरफ जाने तू या जाने ना तेजी से बड़ी हिट होने की तरफ बढ़ रही है। माना जा रहा है कि वह इस साल की अभी तक सबसे बड़ी हिट हो जाएगी। महानगरों, प्रादेशिक राजधनियों, शहरों और छोटे शहरों तक में इस फिल्म को दर्शक मिल रहे हैं। लंबे समय बाद बाक्

बॉक्स ऑफिस:११.०७.२००८

हिट हो गई है जाने तू या जाने ना एक लंबे अंतराल के बाद बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों की भीड़ दिख रही है। टिकट नहीं मिल पाने के कारण दर्शक एक मल्टीप्लेक्स से दूसरे मल्टीप्लेक्स भाग रहे हैं। किसी भी निर्माता के लिए इससे बड़ी खुशी नहीं हो सकती कि उसकी फिल्म को देखने भीड़ उमड़ पड़ी हो। आमिर खान की यह लगातार तीसरी हिट है। उनके होम प्रोडक्शन से आई लगान और तारे जमीन पर के बाद जाने तू या जाने ना की सफलता से ट्रेड सर्किल यकीन करने लगा है कि आमिर खान दर्शकों की रुचि समझते हैं। जाने तू या जाने ना के दर्शकों में लगातार इजाफा हो रहा है। मुख्य रूप से किशोर और युवा दर्शकों के बीच यह फिल्म पसंद की जा रही है। फिल्म में दोस्ती और प्यार का सरल एवं आधुनिकअंदाज उन्हें अपने अनुकूल और आसपास का लग रहा है। यही कारण है कि कॉलेज के नए सत्र आरंभ होते ही नए दोस्तों का झुंड सिनेमाघरों की ओर रूख कर रहा है। जाने तू या जाने ना के साथ रिलीज हुई लव स्टोरी 2050 को दर्शकों ने नापसंद कर दिया है। उन्हें न तो इस फिल्म की लव स्टोरी पसंद आई और न 2050 का चित्रण। हालांकि फिल्म के निर्देशक हैरी बवेजा बयान दे रहे हैं कि उनकी फिल्म को नुकसा

बॉक्स ऑफिस:०४.०७.२००८

थोड़ा ट्रैजिक ही रहा कारोबार पूरे छह महीने बीत गए। बॉक्स ऑफिस पर कोई खुशहाली नहीं दिखी। हर फिल्म की रिलीज के समय खुशहाली की उम्मीद के बादल उमड़े, घिरे और गरजे भी, लेकिन बूंदाबादी ही होकर रह गई। शुरू की छमाही में जोधा अकबर, रेस,जन्नत और सरकार राज का ही ठीक-ठाक कारोबार रहा। वैसे भी हिंदी फिल्मों की कामयाबी का प्रतिशत पांच ही रहता है। इस बार इसमें भी कमी आने की आशंका है। पिछले हफ्ते रिलीज फिल्मों में थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक कुणाल कोहली की पहली होम प्रोडक्शन होने के साथ यशराज की भी फिल्म थी। सैफ अली खान और रानी मुखर्जी की जोड़ी के साथ चार-चार बच्चे ़ ़ ़ ऐसा लगा था कि इस फिल्म को बच्चे लपक लेंगे। थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक का कलेक्शन वास्तव में थोड़ा ट्रैजिक ही रहा। पच्चीस प्रतिशत का कलेक्शन सैफ और रानी की फिल्म के लिए संतोषजनक नहीं कहा जा सकता। इस फिल्म के नाम से मिलती-जुलती फिल्म थोड़ी लाइफ थोड़ा मैजिक तो ठीक से सिनेमाघरों तक में नहीं पहुंच सकी। कहा जा रहा है कि यशराज फिल्म्स ने कोई दांव खेला। दूसरी फिल्म वाया दार्जीलिंग सीमित प्रिंट के साथ रिलीज हुई थी। एनएफडीसी की इस फिल्म का हश्र उनकी अत

बॉक्स ऑफिस:२६.०६.२००८

सिनेमाघर खाली...दे ताली पिछले हफ्ते रिलीज हुई दे ताली, हाल-ए-दिल और खुश्बू तीनों फिल्मों के दर्शकों को मिला दें तो भी दर्शकों का प्रतिशत सौ के करीब नहीं पहुंचेगा। सबसे अधिक दर्शक दे ताली को मिले, लेकिन उसके शो में भी सिनेमाघर खाली ही रहे। आरंभिक दिनों में इस फिल्म का कलेक्शन तीस से चालीस प्रतिशत रहा। फिल्म के प्रचार से दर्शकों का आकर्षण बना था, लेकिन पहले ही शो के बाद दर्शक निराश हो गए। हाल-ए-दिल में कुमार मंगत की बेटी लांच हुई हैं। उनके साथ दो नए स्टार अध्ययन सुमन और नकुल मेहता हैं। यह फिल्म अमिता पाठक के लिए बनायी गयी थी, लेकिन वह दर्शकों को पसंद नहीं आई। हां, नकुल और अध्ययन को थोड़ी सराहना जरूर मिल गई। पहलाज निहलानी की खुश्बू में भी नई जोड़ी थी। इस नई जोड़ी को भी दर्शकों ने फिल्म के साथ नकार दिया। तीनों फिल्में पहले ही हफ्ते में फ्लॉप साबित हुई। क्या हो गया है दर्शकों को? न तो वे कॉमेडी पसंद कर रहे हैं और न लव स्टोरी। ट्रेड विशेषज्ञों की राय में तीनों ही फिल्में कहानी, मेकिंग और प्रस्तुति के स्तर पर कमजोर थीं। दर्शक बता रहे हैं कि अब वे साधारण फिल्मों से संतुष्ट नहीं होंगे। देखना है

बॉक्स ऑफिस:२०.०६.२००८

मंदा ही रहा धंधा राम गोपाल वर्मा की फिल्म सरकार राज का विज्ञापन आया है कि एक हफ्ते में उसने 50 करोड़ से अधिक की कमाई कर ली है और आगे की कमाई जारी है। जब भी किसी फिल्म का ऐसा विज्ञापन आता है तो ट्रेड के लोग कहने लगते हैं कि सही कमाई का योग विज्ञापन में दी गई राशि से कम ही होगा। इस फिल्म को लेकर बच्चन परिवार और राम गोपाल वर्मा कुछ ज्यादा ही संवेदनशील और आक्रामक हैं। अमिताभ बच्चन और राम गोपाल वर्मा अपने ब्लॉग के जरिए आलोचकों को जवाब दे रहे हैं। बहरहाल, ट्रेड सर्किल में चर्चा है कि यह फिल्म मुंबई और महाराष्ट्र में औसत से बेहतर कारोबार कर लेगी, लेकिन अन्य सर्किट में वितरकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। अन्य राज्यों से संतोषजनक रिपोर्ट नहीं आ रही है। पिछले हफ्ते रिलीज हुई मेरे बाप पहले आप और समर-2007 का बुरा हाल रहा। दोनों ही फिल्मों ने निराश किया और दर्शकों को जुटाने में उनकी असमर्थता पहले दिन से ही जाहिर होने लगी थी। विषय वस्तु की गंभीरता और जटिलता के कारण समर-2007 दर्शकों को अधिक पसंद नहीं आई। मेरे बाप पहले आप से प्रियदर्शन दर्शकों को नहीं हंसा सके। समर-2007 की तुलना में उसे ज्यादा दर्शक

बॉक्स ऑफिस:१३.०६.२००८

दोनों को पिटा ही मानिए बाक्स आफिस पर भले ही सरकार राज का राज कायम नहीं हो सका, लेकिन राम गोपाल वर्मा के नाम पर आग और अन्य फ्लाप एवं बुरी फिल्मों के कारण जमी धूल थोड़ी साफ हुई। रामू सरकार राज में सरकार से आगे नहीं बढ़ सके। हां, उन्होंने यह जता दिया कि अभी वह चुके नहीं हैं और फिर से लौट सकते हैं। सरकार राज के प्रति फिल्म ट्रेड सर्किल में गर्माहट थी। बच्चन परिवार के तीन सदस्यों के कारण माना जा रहा था कि फिल्म को अच्छी ओपनिंग मिलेगी। पर हकीकत यह रही कि मुंबई में ओपनिंग का प्रतिशत दूसरे शहरों की तुलना में बेहतर रहने के बावजूद उम्मीद से कम था। आरंभिक दिनों में 50-60 प्रतिशत कलेक्शन साधारण फिल्म के लिए बेहतर कहा जा सकता है। सरकार राज के लिए यह प्रतिशत कम है। मुंबई में मानसून की पहली बौछार से भी दर्शकों में कमी आई। अगले दिन शनिवार को दर्शक बढ़े, लेकिन रविवार से गिरावट आरंभ हो गई। फिर भी माना जा रहा है कि फिल्म मुंबई और महाराष्ट्र में औसत व्यापार कर लेगी। राजकुमार गुप्ता की आमिर छोटी फिल्म थी। समीक्षकों ने उसकी खूब सराहना की। निर्माताओं ने फिल्म के प्रचार पर समुचित ध्यान नहीं दिया था, इसलिए दर्

बॉक्स ऑफिस:०६.०५.२००८

अगले ही दिन ढेर हुई वुडस्टॉक विला सिर्फ प्रचार से फिल्में चल जातीं तो सिकंदर खेर अभिनीत वुडस्टॉक विला को बॉक्स आफिस पर कीर्तिमान स्थापित करना चाहिए था। सच है कि संजय गुप्ता की इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर पहले ही दिन दम तोड़ दिया। सिकंदर खेर का आकर्षण काम नहीं कर सका। दर्शक नहीं आए और फिल्म अगले ही दिन ढेर हो गयी। वुडस्टॉक विला को आरंभिक दिनों में पंद्रह प्रतिशत दर्शक भी नहीं मिले। दर्शकों के आरंभिकरुझान से ही स्पष्ट हो गया था कि फिल्म सिनेमाघरों में टिक नहीं पाएगी। सोमवार से दर्शकों में भारी गिरावट आयी। हंसते हंसते का प्रदर्शन और भी बुरा रहा। उसे दस प्रतिशत ही दर्शक मिले। हंसते हंसते के निर्माताओं को रोते-रोते अगली फिल्म की तैयारी करनी होगी। ट्रेड विशेषज्ञों के मुताबिक दोनों ही फिल्में बुरी थीं, इसलिए उनका यह हाल हुआ। ताज्जुब है कि फिल्म इंडस्ट्री के अनुभवी निर्माता-निर्देशक कैसे इस तरह की फिल्मों को लेकर आश्वस्त रहते हैं और कुछ यों प्रचार करते हैं कि उनकी फिल्म नए मानदंड स्थापित कर देगी। पिछले हफ्तों में फिल्में न चलने की वजह आईपीएल को माना जा रहा है। अब तो आईपीएल खत्म हुआ। देखें, इस हफ

बॉक्स ऑफिस:३०.०५.२००८

धड़ाम से गिरी धूम धड़ाका वक्त आ गया है कि हिंदी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक रिलीज के पहले अपनी कॉमेडी फिल्मों की परख कर लें। पिछले हफ्ते रिलीज हुई डॉन मुत्थुस्वामी और धूम धड़ाका से सीखने की जरूरत है। दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धड़ाम से गिरीं। डॉन मुत्थुस्वामी में मिथुन चक्रवर्ती और धूम धड़ाका में अनुपम खेर थे। दोनों ने मेहनत भी की थी, पर जैसे अकेला चना भांड़ नहीं फोड़ सकता ़ ़ ़ वैसे ही अकेला एक्टर फिल्म नहीं चला सकता। फिल्म के चलने में कई ताकतों का मजबूत हाथ होता है। डॉन मुत्थुस्वामी और धूम धड़ाका नकल में खो रही अकल के नमूने हैं। फिल्मों की क्वालिटी के अनुपात में ही उन्हें दर्शक मिले। दोनों फिल्मों के कलेक्शन दस से पंद्रह प्रतिशत ही रहे। मुंबई में दर्शकों के अभाव की वजह से पहले ही दिन धूम धड़ाका के कुछ शो रद्द करने पड़े। घटोत्कच ने भी निराश किया। उम्मीद थी कि छुट्टी के दिनों में बच्चों को केंद्रित कर बनायी गयी यह फिल्म ठीक चलेगी, लेकिन बच्चों ने घटोत्कच में रुचि नहीं दिखाई। पहले दिन जो कुछ बच्चे देखने गए, उन्होंने अपने दोस्तों से फिल्म देखने की सिफारिश नहीं की। एनीमेशन का नाम देक