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धूम तो सेलिब्रेशन है-विजय कृष्ण आचार्य

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-अजय ब्रह्मात्मज     कानपुर के विक्टर ऊर्फ विजय कृष्ण आचार्य ‘धूम 3’ के लेखक और निर्देशक हैं। साफ-सफ्फाक और बेलाग व्यक्तित्व के धनी विक्टर में अपने शहर का मिजाज घुला हुआ है। ‘धूम 3’ की कामयाबी ने उनका आत्मविश्वास बढ़ा दिया है। पहली निर्देशित फिल्म ‘टशन’ से लगे झटके से वे उबर चुके हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जल्दी ही वे उत्तर भारतीय सोच की मनोरंजक फिल्म लेकर आएंगे। उन्होंने ‘धूम 3’ की सफलता के कारणों और पहलुओं पर बातें की। - क्या ‘धूम 3’  से ऐसी सफलता की उम्मीद थी? 0 उम्मीद तो हर निर्माता करता है। हमारी दुनिया सफलता से आगे बढ़ती है। सफलता के साथ सराहना मिले तो मेरे जैसे निर्देशक को अधिक खुशी होती है। पहले फिल्में सिल्वर और गोल्डन जुबली मनाती थी। फिल्में गाढ़ी हुआ करती थी। हफ्तों सिनेमाघरों से नहीं उतरती थीं। दर्शकों की उमड़ी भीड़ से अपना प्रयास सार्थक लगा है। ताकत मिली है कि अगला काम भी अच्छा और इससे बेहतर करें। महत्वाकांक्षा के साथ विनम्रता भी बढ़ी है। रिलीज होने के बाद हर फिल्म दर्शकों की हो जाती है। दर्शकों की प्रतिक्रिया से बहुत प्रभावित हूं,लेकिन अब आगे बढऩे का वक्त आ गया ह

फिल्‍म समीक्षा : धूम 3

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डांस,बाइक और चेज  -अजय ब्रह्मात्‍मज  'धूम' सीरिज की महत्वपूर्ण कड़ी हैं जय और अली। इस बार वे चोर को पकड़ने के लिए शिकागो जाते हैं। चूंकिचोर चोरी करने के बाद हिंदी में संदेश छोड़ता है 'बैंक वाले तेरी ऐसी की तैसी', शायद इसलिए भारत से जय और अली को उन्हें पकड़ने के लिए बुलाया गया है। मजेदार तथ्य है कि 'विशेष दायित्व' निभाते समय वे चोर को पकड़ने में असफल रहते हैं। फिर बाकी हिंदी फिल्मों की तरह दायित्व से मुक्त होने के बाद उनका दिमाग तेज चलता है और वे चोर को घेर लेते हैं। लेकिन इस बार भी चोर उन्हें चकमा देकर निकल जाता है। कैसे? फिल्म देखें। जय और अली के रूप में अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा हैं। तारीफ करनी होगी कि पहली 'धूम' से लेकर अभी तक उनकी समनुरूपता बनी हुई है। वे जरा भी नहीं बदले हैं। 'धूम' सीरिज में चोर को ज्यादा स्मार्ट और रोचक बनाने के लिए उनको भोंदू दिखाना जरूरी होता है। इस बार स्मार्ट चोर आमिर खान हैं। जॉन अब्राहम और रितिक रोशन के बाद 'धूम 3' में आए आमिर खान को छबीली कट्रीना कैफ के साथ मिला है। दोनों के बीच स्टेज पर केमिस्

धूम 3 में है बेइंतहा इमोशन : आमिर खान

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-अजय ब्रह्मात्मज/अमित कर्ण आमिर खान अपनी फिल्मों से मैसेज व मनोरंजन का परफेक्ट मिश्रण लोगों को देते हैं। आमिर अब साल के आखिर में लोगों को बहुप्रतीक्षित सौगात ‘धूम 3’ दे रहे हैं। इसे संयोग ही कहें कि फिल्म का स्केल यशराज और आमिर खान के अद्वितीय कॉम्बिनेंशन से आसमानी हो गया है। उन्हें खुद के कद का मुकम्मल एहसास है। वे फिल्म दर फिल्म नए अनुभवों से अमीर(इनलाइटेन) होने की कोशिश कर रहे हैं।      हिंदी फिल्मों के संदर्भ में आमिर ‘धूम’ सीरिज और ‘धूम 3’ की खास बात बताते हैं, ‘धूम’ सीरिज परफेक्ट मनोरंजन की श्योर-शॉट गारंटी देती है। लार्जर दैन लाइफ किरदार पेश करती है। जबरदस्त थ्रिल, खूबसूरत कैमरा वर्क और उम्दा गाने सुनने को मिलेंगे। ‘धूम 3’ ने पिछली दोनों किश्तों से अलग काम किया है। इसमें बेइंतहा इमोशन है। इसकी कहानी बहुत जज्बाती है। इस बात ने मुझे भी स्क्रिप्ट की तरफ अट्रैक्ट किया। मुझे लगता है कि यह फिल्म सभी उम्र वर्ग और सोच के लोगों के लिए है। यह हर किसी को अपील करेगा। इसकी क्षमता बहुत ज्यादा है। वह दर्शकों की उम्मीदों पर कितना खड़ा उतर पाती है, वह देखने वाली बात होगी। यह मेरे 25 साल के क

धूम 3 का मोशन पोस्‍टर

धूम 3 के इस मोशन पोस्‍टर को देखें। इस में आमिर खान की केवल पीठ दिखाई दे रही है। मुझे तो लगता है कि भविष्‍य में पोस्‍टर की परिभाषा बदल जाएगी। तब यह कागज पर नहीं छपा करेगा।डिजिटल तरीके से उसे तैयार किया जाएगा और वैसे ही देखा जाएगा। शहर की दीवारें पोस्‍टरों से खाली होंगी। मुख्‍य रूप से मैट्रो शहरों में यह होगा। छोटे शहरों और कस्‍बों में पोस्‍टर के बगैर काम नहीं चलेगा। क्‍या सोचते हैं आप ?

तीन तस्‍वीरें : आमिर खान धूम 3

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