विद्या बालन: भावपूर्ण अभिनेत्री
विद्या बालान: भावपूर्ण अभिनेत्री -अजय ब्रह्मात्मज हिंदी फिल्मों में कामयाबी की हैट्रिक का उल्लेख बार-बार किया जाता है। किसी डायरेक्टर या ऐक्टर की लगातार तीन फिल्में हिट हो जाएं, तो उनके कसीदे पढ़े जाने लगते हैं। इन दिनों फिल्मों की सारी चर्चा उसके करोबार से नियमित होने लगी है। अब फिल्में अच्छी या बुरी नहीं होती हैं। फिल्में हिट या फ्लॉप होती हैं। उनके आधार पर ही ऐक्टरों का मूल्यांकन किया जा रहा है। इस माहौल में विद्या बालन के परफॉर्मेस की हैट्रिक पर अलग से ध्यान देने की जरूरत है। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में नंबर के रेस से बाहर खड़ी विद्या अपनी हर फिल्म से खुद के प्रभाव को गाढ़ा करती जा रही हैं। पहले की फिल्मों के बारे में सभी जानते हैं। सराहना और पुरस्कार पाने के बाद ग्लैमर वर्ल्ड की चकाचौंध और शायद गलत सलाह से वे गफलत में पड़ीं और उन्होंने समकालीन हीरोइनों की नकल करने की कोशिश की। इस भटकाव में उन्हें दोहरी मार पड़ी। एक तरफ उनके प्रशंसकों ने अपनी निराशा जताई और दूसरी तरफ उनके आलोचकों को मौका मिल गया। उन दिनों विद्या बेहद आहत और क्षुब्ध थीं। उनमें हीन भावना भी भरती जा रही थी। कहीं न कहीं