पिता-पुत्र के रिश्तों का अनूठा ‘रुख’ : मनोज बाजपेयी
पिता-पुत्र के रिश्तों का अनूठा ‘ रुख ’ : मनोज बाजपेयी कद्दावर कलाकार मनोज बाजपेयी की आज ‘ रुख ’ रिलीज हो रही है। मध्यवर्गीय परिवार के तानेबाने पर फिल्म मूल रूप से केंद्रित है। आगे मनोज की ‘ अय्यारी ’ व अन्य फिल्में भी आएंगी। -अजय ब्रह्मात्मज ‘ रुख ’ का परिवार आम परिवारों से कितना मिलता-जुलता है ? यह कितनी जरूरी फिल्म है ? यह मध्य वर्गीय परिवारों की कहानी है। इसमें रिश्ते आपस में टकराते हैं। इसकी सतह में सबसे बड़ा कारण पैसों की कमी है। एक मध्य या निम्नवर्गीय परिवार में पैसों को लेकर सुबह से जो संघर्ष शुरू होता है , वह रात में सोने के समय तक चलता रहता है। ज्यादातर घरों में ये सोने के बाद भी अनवरत चलता रहता है। खासकर बड़े शहरों में ये उधेड़बुन चलता रहता है। इससे रिश्ते अपना मतलब खो देते हैं। वैसे दोस्त नहीं रह जाते , जो हमारे स्कूल - कॉलेज या फिर एकदम बचपन में जो होते हैं। इनके मूल में जीवन और जीविकोपार्जन की ऊहापोह है। इन्हीं रिश्तों और भावनाओं के बीच की जटिलता और सरलता को दर्शाती हुई यह एक ऐसी फिल्म है , जिसकी कहानी के केंद्र में एक मृत्यु होती है। स