फिल्म समीक्षा : डोंगरी का राजा
डोंगरी का राजा -अजय ब्रह्मात्मज डोंगरी मुंबई की एक बस्ती है। अंडरवर्ल्ड के सरगनाओं के लिए कुख्यात यह बस्ती सदियों पुरानी है। अंग्रेजों के समय बसाई गई इस बस्ती का इतिहास 400 साल से अधिक का है। आजादी के बाद के दिनों में हाजी मस्तान,करीम लाला,दाउद इब्राहिम,छोटा शकील,अरूण गवली और रामा नाईक की वजह से यह बस्ती अंडरवर्ल्ड गतिविधियों का प्रमुख केंद्र मानी जाती है। हादी अली अबरार की फिल्म ‘ डोंगरी का राजा ’ टायटल की वजह से जिज्ञासा बढ़ाती है। पहला अनुमान यही होता है कि यह निश्चित ही अंडरवर्ल्ड की कहानी होगी। ‘ डोंगरी का राजा ’ अंडरवर्ल्ड की पृष्ठभूमि में एक प्रेमकहानी है। इस प्रेमकहानी के प्रमुख किरदारों को दो नए कलाकारों ने निभाया है। गशमीर महाजन और रिचा सिन्हा ने राजा और रितू की भूमिकाओं में हैं। राजा इस फिल्म का नायक है। वह डोंगरी के अंडरवर्ल्ड सरगना मंसूर अली का शार्प शूटर है। मंसूर अली की बीवी उसे अपने बेटे की तरह मानती है और मंसूर अली भी उसे पसंद करता है। युवा और ईमानदार पुलिस अधिकारी सिद्धांत उसे गिरफ्तार करने में असफल रहता है,क्योंकि मंसूर और राजा के खिल