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हमें तो कहीं कोई सांस्कृतिक आक्रमण नहीं दिखता - गुलजार

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-अजय ब्रह्मात्‍मज पाठको के लिए गुलजार साहब किसी परिचय के मोहताज नहीं। फिल्मों में गीत , संवाद , लेखन , निर्देशन के माध्यम से उन्होंने अपनी खास संवेदनशीलता को अभिव्यक्त किया है। उनकी फिल्में चालू मसालों से अलग होने के बावजूद दर्शकों को प्रिय रही हैं। उन्होंने न केवल विषय और निर्देशन को लेकर बल्कि ' छबिबद्घ ' हो गए जितेंद्र विनोद खन्ना , डिंपल कपाडिया जैसे मशहूर कलाकारों के साथ भी अभिनय प्रयोग किया है। टीवी पर ' गालिब ' के जीवन और उनकी गलजों को जिस खूबसूरती से उन्होंने पेश किया , वह जीवनीपरक धारावाहिकों में मिसाल है। बच्चों के लोकप्रिय धारावाहिक ' पोटली बाबा की ' और ' जंगल की कहानी ' के शीर्षक गीत न सिर्फ बल्कि सयानों के होठों पर भी थिरकतें हैं। गीतों की सादगी और उनमें मौजूद मधुरिम लय के साथ शब्दों का नाजुक चुनाव ही शायद उनकी   लोकप्रियता की वजह है। गुलजार साहब कहते हैं , ' मुझे तो बच्चों ने गीत दिए हैं। मैंने तो केवल उन्हें सजा दिया है। ' इन दिनों गुलजार दूरदर्शन के लिए ' किरदार ' धारावाहिक बनाने में व्यस्त हैं। शायद दर्शकों को या

सत्‍यमेव जयते-3: एक दिन का तमाशा : आमिर खान

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  विवाह जीवन का बेहद महत्वपूर्ण अंग है। यह साझेदारी है। इस मौके पर आप अपना साथी चुनते हैं, संभवत: जीवन भर के लिए। ऐसा साथी जो आपकी मदद करे, आपका समर्थन करे। हम शादी को जिस नजर से देखते हैं वह बहुत महत्वपूर्ण है। शादी को लेकर हमारा क्या नजरिया है, इस पर हमारा जीवन निर्भर करता है। आज मैं मुख्य रूप से नौजवानों का ध्यान खींचना चाहता हूं। जो शादीशुदा हैं, वे अच्छा या बुरा पहले ही अपना चुनाव कर चुके हैं। भारत में हम शादी के नाम पर कितनी भावनाएं, सोच, कितना समय और कितना धन खर्च करते हैं! विवाह के एक दिन के तमाशे पर हम न केवल अपनी जमापूंजी लुटा देते हैं, बल्कि अकसर कर्ज भी लेना पड़ जाता है, किंतु क्या हम ये सारी भावनाएं, समय, प्रयास और धन विवाह में खर्च करते हैं? मेरे ख्याल से नहीं। असल में, हम इन तमाम संसाधनों को अपने विवाह में नहीं, बल्कि अपने विवाह के दिन पर खर्च करते हैं। बड़े धूमधाम से शादी विवाह के अवसर पर अकसर यह जुमला सुनने को मिलता है। विवाह उत्सव को सफल बनाने के लिए हम तन-मन-धन से जुटे रहते हैं। मैं उस दिन कैसा लगूंगा? समाज मुझे और मेरे साथी को कितना पसंद करेगा? लोग

आमिर का सत्यमेव जयते

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  -अजय ब्रह्मात्‍मज तारीख निश्चित हो चुकी है। दो सालों से चल रहा कयास समाप्त हो गया है। आमिर खान प्रोडक्शन के टीवी शो सत्यमेव जयते का प्रसारण 6 मई से स्टार प्लस पर आरंभ होगा। स्टार प्लस के साथ ही दूरदर्शन पर आने से इसे देश के दूर-दराज इलाकों में बसे दर्शक भी देख सकेंगे। आमिर खान ने अपनी पसंद से सुबह 11 बजे का समय लिया है। इन दिनों टीवी पर संडे की सुबह का समय प्राइम टाइम नहीं माना जाता। आमिर खान को इससे मतलब नहीं है। उन्हें महाभारत, रामायण और चाणक्य के दिन याद हैं। सारा परिवार एक साथ बैठकर टीवी देखता था। जिनके घरों में टीवी नहीं थे, वे पड़ोस में देख आया करते थे। आमिर खान को पूरी उम्मीद है कि अगर कार्यक्रम अच्छा होगा तो दर्शक संडे की सुबह को फिर से प्राइम टाइम बना देंगे। वैसे, इसकी शुरुआत डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी के धारावाहिक उपनिषद गंगा से हो चुकी है। यह संडे को सुबह दस बजे प्रसारित होता है। आमिर खान के टीवी शो सत्यमेव जयते का निर्देशन सत्यजित भटकल कर रहे हैं। आमिर खान और सत्यजित स्कूल के दिनों के दोस्त हैं। लगान के समय आमिर खान के आह्वान पर सत्यजित ने अपनी जमी-जमाई