पीरियड फिल्म : डॉ.चंद्रप्रकाश द्विवेदी
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डॉ.चंद्रप्रकाश द्विवेदी का एक महत्वपूर्ण आलेख। उनका यह आलेख हिंदी फिल्मों में पीरियड फिल्मों की पड़ताल करता है। अपने धारावाहिक और फिल्म से उन्होंने साबित किया है कि पीरियड को पर्दे पर मूर्त्त रूप देने मेंवे माहिर हैं। इतिहास,संस्कृति और कला परंपरा की समुचित समझ के कारण वे समकालीन पीढ़ी के विशेष निर्देशक हैं। यह आलेख भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित भारतीय सिनेमा का सफरनामा में संकलित है। -डॉ.चंद्रप्रकाश द्विेवेदी भारतीय सिनेमा ने अपने इतिहास का प्रारंभ राजा हरिश्चन्द्र से किया था. कारण था दादा साहेब फालके का भारत के मिथकीय, पौराणिक और ऐतिहासिक आख्यानों में विश्वास.साथ ही यह विश्वास की भारत को पौराणिक आख्यानों से प्रेरणा मिल सकती है। उन्होंने अपनी और भारत की पहली फिल्म के लिए पौराणिक आख्यान चुना और उसके पश्चात भी अपनी रचना की यात्रा में भी उन्होंने कई फिल्मों के लिए पौराणिक एवं ऐतिहासिक आख्यानों को अपने चल चित्र की कथा के केंद्र में रखा। कभी कभी मैं सोचता हूँ कि क्या भारतीय फिल्मों के पितामह दादा साहेब फाल्के क