फिल्म समीक्षा : सचिन
![Image](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj8fa_1E0MjKLX1qSeTDvuMSD3U4RXm1oy0TR19gfQjmiWpS8L9sa__CZy49E7Hw7bMgCQApENgONmL3oukvsRah6bJ5sRYYG4NcUdEkBv9n6N4USmTu_k7KmWiUzNi5X8MTq0ics0MD8w/s320/FR+sachin+27+may+17.png)
फिल्म रिव्यू सचिन सचिन सचिन : अ बिलियन ड्रीम्स -अजय ब्रह्मात्मज ’ सचिन सचिन ’ की आवाज और गूंज के साथ यह फिल्म सभी दर्शकों दिल-ओ-दिमाग में प्रतिध्वनित होती है। सचिन भी बताते हैं ये दो शब्द ‘ सचिन सचिन ’ वे नहीं भूल पाए हैं। इन दो शब्दों में ही प्रशंसकों और देशवासियों का प्रेम समा जाता है। न तो यह फीचर फिल्म है और न डाक्यूमेंट्री। भारतीय क्रिकेट के के श्रेष्ठ खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के खेल जीवन के प्रसंगों और लाइव फुटेज को जोड़ कर बनायी गयी यह फिल्म एक खिलाड़ी के समर्पण,लगन और जीवन का परिचय देती है। फिल्म में एक जगह आमिर खान बिल्कुल सही कहते हैं कि सचिन हमारे सामूहिक गर्व के प्रतीक हैं। फिल्म में अमिताभ बच्चन भी बताते हैं कि सचिन के मैदान में मौजूद रहने पर सारी संभावनाएं कायम रहती हैं। यह फिल्म स्कूलों में अनिवार्य कर देनी चाहिए। बच्चे किसी भी क्षेत्र में अपनी रुचि से बड़ें,लेकिन उनमें लगन और समर्पण तो होना ही चाहिए। खेलप्रेमी खास कर क्रिकेटप्रेमी सचिन के बारे में सब कुछ जानते हैं। यह फिल्म सचिन के मैचों के फुटेज से वैसा ही रोमांच पैदा करती है। फ