फिल्म समीक्षा : इनफर्नो
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जैसी किताब,वैसी फिल्म -अजय ब्रह्मात्मज डैन ब्राउन के उपन्यास पर आधारित रॉन होवार्ड की फिल्म ‘ इनफर्नो ’ का भारत में सबसे बड़ा आकर्षण इरफान खान हैं। इनकी वजह से फिल्म का एक भारतीय ट्रेलर भारत में जारी किया गया। यह भ्रम बनाया गया कि इस फिल्म में इरफान खान की भूमिका टॉम हैंक्स को टक्कर देगी। ऐसे प्रशंसक दर्शकों को ‘ इनफर्नो ’ निराश करेगी। प्रचार के मुताबिक इसमें इरफान खान हैं। उन्हें महत्वपूर्ण किरदार भी मिला है,लेकिन स्क्रीन प्रेजेंस के लिहाज से यह अपेक्षाकृत छोटा है। डेविड कोएप ने मूल उपन्यास को स्क्रिप्ट में बदला है। उन्होंने पहले भी डैन ब्राउन के उपन्यास की फिल्म स्क्रिप्ट तैयार की है। पिछले अनुभवों से उन्हें लाभ हुआ है। उपन्यास की आत्मा के साथ उसके शरीर को भी उन्होंने फिल्म में जस का तस रखा है। यही वजह है कि निर्देशक रॉन होवार्ड की कोशिशों के बावजूद फिल्म साधारण ही रह जाती है। भारत में डैन ब्राउन लोकप्रिय लेखक हैं। विदेश में उन्हें एयरपोर्ट रायटर का दर्जा हासिल है। भारत समेत अनेक देशों में साधारण उपन्यासों पर बेहतरीन फिल्में बनती रही