धार्मिक प्रतीकों को दोहन
-अजय ब्रह्मात्मज गणेश भक्त मधुर भंडारकर हमेशा मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर और गणपति पूजा के समय पंडालों में नजर आते हैं। इस बार ‘हीरोइन’ की रिलीज के पहले करीना कपूर के साथ गणपति का आशीर्वाद लेने वे कुछ पंडालों में गए। उन्होंने अपनी फिल्म का म्यूजिक भी सिद्धिविनायक मंदिर में रिलीज किया था। किसी निर्माता-निर्देशक या कलाकार की धार्मिक अभिरुचि से कोई शिकायत नहीं हो सकती, लेकिन जब उसका इस्तेमाल प्रचार और दर्शकों को प्रभावित करने के लिए किया जाने लगे तो कहीं न कहीं इस पूरी प्रक्रिया का पाखंड सामने आ जाता है। सिर्फ मधुर भंडारकर ही नहीं, दूसरे निर्माता-निर्देशक और कलाकार भी आए दिन अपनी निजी धार्मिक भावनाओं का सार्वजनिक प्रदर्शन करते हैं। साथ ही उनकी कोशिश रहती है कि ऐसे इवेंट की तस्वीरें मुख्य पत्र-पत्रिकाओं में जरूर छपें। अभी तक किसी ने धार्मिक प्रतीकों और व्यवहार से प्रभावित हुए दर्शकों का आकलन और अध्ययन नहीं किया है। फिर भी यह कहा जा सकता है कि देश के धर्मभीरू दर्शक ऐसे प्रचार से प्रभावित होते हैं। फिल्मों के प्रचार-प्रसार और कंटेंट में धार्मिक प्रतीकों का शुरू से ही इस्तेमाल होता र