रोज़ाना : मुनाफे का परसेप्शन
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रोज़ाना मुनाफे का परसेप्शन -अजय ब्रह्मात्मज ’ बाहुबली ’ या ‘ दंगल ’ के निर्माताओं ने तो कभी प्रेस विज्ञप्ति भेजी और न रिलीज के दिन से ढिंढोरा पीटना शुरु किया कि उनकी फिल्म मुनाफे में है। गौर करें तो देखेंगे कि लचर और कमजोर फिलमों के लिए निर्माता ऐसी कोशिशें करते हैं। वे रिलीज के पहले से बताने लगते हैं कि हमारी फिल्म फायदे में आ चुकी है। फिल्म के टेड सर्किल में यह सभी जानते हैं कि जैसे ही किसी निर्माता का ऐसा एसएमएस आता है,वह इस बात की गारंटी होता है कि स्वयं निर्माता को भी उम्मीद नहीं है। वे आश्वस्त हो जाते हैं कि फिल्म नहीं चलेगी। फेस सेविंग और अपनी धाक बनाए रखने के लिए वे फिल्म की लागत और उसके प्रचार और विज्ञापन में हुए खर्च को जोड़ कर एक आंकड़ा देते हैं और फिर बताते हैं कि इस-अस मद(सैटेलाइट,संगीत,ओवरसीज आदि) से इतने पैसे आ गए हैं। अब अगर पांच-दस करोड़ का भी कलेक्शन बाक्स आफिस से आ गया तो फिल्म फायदे में आ जाएगी। मजेदार तथ्य यह है कि ऐसी फिल्मों के कलेक्शन और कमाई की सचचाई जानने के बावजूद मीडिया और खुद फिल्म सर्किल के लोग इस झूठ को स्वीकार कर लेते