फिल्म समीक्षा : दिल धड़कने दो
स्टार ***1/2 साढ़े तीन स्टार दरकते दिलों की दास्तान -अजय ब्रह्मात्मज हाल ही में हमने आनंद राय की 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' में उत्तर भारत के मध्यरवर्गीय समाज और किरदारों की कहानी देखी। जोया अख्तरर की 'दिल धड़कने दो' में दिल्ली के अमीर परिवार की कहानी है। भारत में अनेक वर्ग और समाज हैं। अच्छी बात है कि सभी समाजों की मार्मिक कहानियां आ रही हैं। अगर कहानी आम दर्शकों के आर्थिक स्तर से ऊपर के समाज की हो तो तो उसमें अधिक रुचि बनती है, क्योंकि उनके साथ अभिलाषा और लालसा भी जुड़ जाती है। कमल मेहरा के परिवार में उनकी बेटी आएशा, बेटा कबीर, बीवी नीलम और पालतू कुत्ता प्लूटो है। यह कहानी प्लूटो ही सुनाता है। वही सभी किरदारों से हमें मिलाता है। प्लूटो ही उनके बीच के रिश्तों की गर्माहट और तनाव की जानकारी देता है। आएशा के दोस्ते सन्नी गिल ने ही कभी प्लूाटो को गिफ्ट किया था, जो उनके प्यार की निशानी के साथ ही परिवार का सदस्य बन चुका है। कमल और नीलम की शादी के 30 साल हो गए हैं। कमल मेहरा बाजार में गिर रही अपनी साख को बचाने