रोज़ाना : कुंदन शाह की याद
रोज़ाना कुंदन शाह की याद -अजय ब्रह्मात्मज मुंबई में चल रहे मामी फिल्म फेस्टिवल में कुंदन शाह निर्देशित ‘ जाने भी दो यारो ’ का खास शो तय था। यह भी सोचा गया था कि इसे ओम पुरी की श्रद्धांजलि के तौर दिखाया जाएगा। फिल्म के बाद निर्देशक कुंदन शाह और फिल्म से जुड़े सुधीर मिश्रा,विधु विनोद चापेड़ा और सतीश कौशिक आदि ओम पुरी से जुड़ी यादें शेयर करेंगे। वे ‘ जाने भी दो यारो ’ के बारे में भी बातें करेंगे। इस बीच 7 अक्टूबर को कुंदन शाह का आकस्मिक निधन हो गया। तय कार्यक्रम के अनुसार शो हुआ। भीड़ उमड़ी। फिल्म के बाद का सेशन ओम पुरी के साथ कुंदन शाह को भी समर्पित किया गया। ज्यादातर बातचीत कुंदन शाह को ही लेकर हुई। एक ही रय थी कि कुंदन शाह मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री की कार्यप्रणाली में मिसफिट थे। वे जैसी फिल्में करना चाहते थे,उसके लिए उपयुक्त निर्माता खोज पाना असंभव हो गया है। कुछ बात तो है कि उनकी ‘ जाने भी दो यारो ’ 34 सालों के बाद आज भी प्रासंगिक लगती है। आज भी कहीं पुल टूटता है तो तरनेजा-आहूजा जैसे बिजनेसमैन और श्रीवास्तव जैसे अधिकारियों का नाम सामने आता है। और आज भी को