फिल्म लॉन्ड्री : इरफान और मनोज बाजपेयी : कहानी 'आउटसाइडरों' की
फिल्म लॉन्ड्री इरफान और मनोज बाजपेयी : कहानी 'आउटसाइडरों' की -अजय ब्रह्मात्मज शुक्रवार 6 अप्रैल को हिंदी में दो फिल्में रिलीज हुईं। ‘ब्लैकमेल’ और ‘मिसिंग’...दोनों फिल्मों में एक बात समान थी। दोनों फिल्मों के नायक व मुख्य अभिनेता रंगमंच से आए अभिनेता हैं। दोनों हिंदी फिल्मों के लिए ‘आउटसाइडर’ हैं। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की सोच और शर्तों के हिसाब से दोनों ‘हीरो मैटेरियल’ नहीं माने जाते। फिर भी अपनी जिद्द,लगन और मेहनत से उन्होंने हिंदी फिल्मों के पर्दे पर मुख्य और महत्वपूर्ण किरदारों को निभाया और खास मुकाम हासिल किया। बतौर नायक उन्होंने अनेक फिल्में कर ली हैं। उन्होंने खुद के लिए सम्मानजनक जगह बनाई है और हिंदी फिल्मों में आने के आकांक्षी प्रतिभाओं के प्रेरक बने हैं। दोनों अभिनेता के साथ निर्माता भी बन चुके हैं। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। वे दृढ़ कदमों के साथ लगातार आगे बढ़ रहे हैं। संक्षेप में दोनों का सफर लगभग एक सा रहा है। दोनों अपने राज्यों से दिल्ली आए। दिल्ली में रंगमंच का शिक्षण और प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने अपने प्रदर्शन से