फिल्म समीक्षा : जयंता भाई की लव स्टोरी
प्यार में भाईगिरी -अजय ब्रह्मात्मज हिंदी फिल्मों में गैंगस्टर और आम लड़की की प्रेम कहानी हम देखते रहे हैं। ऐसी फिल्मों में ज्यादातर लव स्टोरी का एंगल भर होता है, क्योंकि फिल्म का मुख्य उद्देश्य गैंगस्टर के आपराधिक जीवन के रोमांच पर रहता है। निर्देशक विनिल मार्कन नए रोमांच के साथ रोमांस के भी पर्याप्त दृश्य गढ़े हैं। मुंबई के उपनगर रिहाइशी इलाके में संयोग से आमने-सामने पड़ोसी की तरह रह रहे जयंता और सिमरन की लव स्टोरी अवश्रि्वसनीय होने के बावजूद रोचक लगती है। विवेक ओबेराय निस्संदेह योग्य और समर्थ अभिनेता हैं। निगेटिव इमेज की वजह से उनका काफी नुकसान हो चुका है। दर्शकों के बीच सी एक हिचक बनी हुई है। 'जयंताभाई की लव स्टोरी' देखते हुए विवेक ओबेराय की प्रतिभा की झलक मिलती है। रफ एवं रोमांटिक दोनों किस्म की भूमिकाओं में वे जंचते हैं। 'जयंताभाई की लव स्टोरी' में हम उन्हें स्पष्ट रूप से दो भूमिकाओं में देखते हैं। उन्होंने दोनों का ही सुंदर निर्वाह किया है। अगर सिमरन की भूमिका में कोई बेहतर अभिनेत्री रहती तो फिल्म अधिक प्रभावित करती। लेखक ने सिमरन के चरित्र