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देश के अंदर ही हैं अनेक दर्शक

-अजय ब्रह्मात्‍मज मेरी धारणा मजबूत होती जा रही है कि हिंदी सिनेमा पर अलग-अलग दृष्टिकोण से विचार-विमर्श करने की जरूरत है। मुंबई या दूसरे महानगरों से हम हिंदी सिनेमा को जिस दृष्टिकोण से देखते और सही मानते हैं, वह पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता। हिंदी फिल्मों के विकास, प्रगति और निर्वाह के लिए मुंबइया दृष्टिकोण का खास महत्व है। उसी से हिंदी फिल्में संचालित होती हैं। सितारों की पॉपुलैरिटी लिस्ट बनती है, लेकिन हिंदी फिल्मों की देसी अंतरधाराओं को भी समझना जरूरी है। तभी हम दर्शकों की पसंद-नापसंद का सही आकलन कर सकेंगे। मैं पिछले बीस दिनों से बिहार में हूं। राजधानी पटना में कुछ दिन बिताने के बाद नेपाल की सीमा पर स्थित सुपौल जिले के बीरपुर कस्बे में आ गया हूं। इस कस्बे की आबादी एक लाख के आसपास होगी। कोसी नदी में आई पिछली बाढ़ में यह कस्बा और इसके आसपास के गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। इस इलाके के नागरिकों को पलायन करना पड़ा था। जलप्लावन की विभीषिका के बाद कस्बे में जीवन लौटा, तो लोगों की पहली जिज्ञासाओं में सिनेमाघर के खुलने का इंतजार भी था। यह बात मुझे स्थानीय कृष्णा टाकीज के मालिक और

दरअसल:देसी दर्शकों से बेपरवाह फिल्म इंडस्ट्री

-अजय ब्रह्मात्मज मल्टीप्लेक्स मालिकों और निर्माता-वितरकों के बीच फिलहाल कोई समझौता होता नहीं दिख रहा है। अपवाद के तौर पर 8 बाई 10 तस्वीर रिलीज हुई, क्योंकि उसकी रिलीज तारीख पूर्वनिश्चित थी और उसके निर्माता ने फिल्म के प्रचार में काफी पैसे खर्च किए थे। पिछले दिनों जब निर्माता और वितरकों की तरफ से आमिर और शाहरुख खान मीडिया से मिलने आए थे, तब यही तर्क दिया गया था। उस समय न तो किसी ने पूछा और न ही किसी ने अपनी तरफ से बताया कि आ देखें जरा क्यों मल्टीप्लेक्स में नहीं पहुंच सकी! एक आशंका जरूर व्यक्त की गई कि अगर शाहरुख, आमिर, यश चोपड़ा या यूटीवी की फिल्म अभी रिलीज पर रहती, तो क्या तब भी इतना ही सख्त रवैया होता? इस आशंका में ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की दोहरी नीति का सच छिपा है। आमिर खान ने चलते-फिरते अंदाज में बताया कि लाभांश शेयरिंग का मामला गजनी के समय ही तूल पकड़ चुका था, लेकिन तब उन्होंने इसे टाला। वे नहीं चाहते थे कि कोई यह कहे कि आमिर अपनी फिल्म के लिए यह सब कर रहे हैं! दोनों पक्षों की ढील और जिद में तीन महीने गुजर गए। इन तीन महीनों में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ने हर तरह से दबाव बनाया, लेकि