फिल्म समीक्षा : गोलमाल अगेन
फिल्म रिव्यू गोलमान अगेन -अजय ब्रह्मात्मज इस फिल्म में तब्बू अहम भूमिका में हैं। उनके पास आत्माओं को देख सकती हैं। उनकी समस्याओं का निदान भी रहता है। जैसे कि एक पिता के बेटी के पास सारे अनभेजे पत्र भेज कर वह उसे बता देती हैं कि पिता ने उसके इंटर-रेलीजन मैरिज को स्वीकार कर लिया है। तब्बू ‘ गोलमाल अगेन ’ की आत्मा को भी देख लेती हैं। चौथी बार सामने आने पर वह कहती और दोहराती हैं कि ‘ गॉड की मर्जी हो तो लॉजिक नहीं,मैजिक चलता है ’ । बस रोहित शेट्टीी का मैजिक देखते रहिए। उनकी यह सीरीज दर्शकों के अंधविश्वास पर चल रही है। फिल्म में बिल्कुल सही कहा गया है कि अंधविश्वास से बड़ा कोई विश्वास नहीं होता। फिर से गोपाल,माधव,लक्ष्मण 1,लक्ष्मण2 और लकी की भूमिकाओं में अजय देवगन,अरशद वारसी,श्रेयस तलपडे,कुणाल ख्येमू और तुषार कपूर आए हैं। इनके बीच इस बार परिणीति चोपड़ा हैं। साथ में तब्बू भी हैं। 6ठे,7वें और 8वें कलाकार के रूप संजय मिश्रा,मुकेश तिवारी और जॉनी लीवर हैं। दस कलाकारों दस-दस मिनट (हीरो अजय देवगन को 20 मिनट) देने और पांच गानों के फिल्मांकन में ही फिल्म लगभग पूर