ईश्वर है तो झगड़े-फसाद क्यों?
-अजय ब्रह्मात्मज भावेश मांडलिया के नाटक ‘कांजी वर्सेज कांजी’ नाटक पर आधारित उमेश शुक्ला की फिल्म ‘ओह माय गॉड’ में परेश रावल और अक्षय कुमार फिर से साथ आ रहे हैं। दोनों ने अभी तक 32 फिल्मों में एक साथ काम किया है। दोनों की केमिस्ट्री देखते ही बनती है। ‘ओह माय गॉड’ के संदर्भ में अक्षय कुमार ने स्वयं परेश रावल से इस फिल्म के बारे में बात की। कुछ सवाल परेश ने भी अक्षय से पूछे। अक्षय- परेश, आप को इस नाटक में ऐसी क्या खास बात दिखी कि आपने इसके इतने मंचन किए और अब फिल्म आ रही है? परेश-बहुत कम मैटेरियल ऐसे होते हैं, जो सोचने पर मजबूर करते हैं। मनोरंजन की दुनिया में हमलोग लोगों को हंसाने-रूलाने का काम करते रहते हैं। यह नाटक और अब फिल्म लोगों को उससे आगे जाकर सोचने पर मजबूर करेगी। इस नाटक के मंचन में मैंने हमेशा कुछ नया जोड़ा है। अभी पिछले शो में एक महत्वपूर्ण दर्शक ने कहा कि मंदिर का मतलब क्या होता है? जो मन के अंदर है, वही मंदिर है। अक्षय- सही कह रहे हो। जो मन के अंदर है वही मंदिर है। भगवान तो हमारे अंदर बैठा हुआ है। परेश, आप का नाटक देखने के बाद मैंने भगवान को ज्यादा अच्छी तरह समझा। अ