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सब पर चढ़ा पहला नशा - फराह खान

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-स्मिता श्रीवास्‍तव  फराह खान हरफनमौला है। निर्माता निर्देशक , कोरियोग्राफर होने के साथ ट्रिपलेट की मां भी हैं। वह अपनी प्रोफेशनल और कमर्शियल लाइफ में संतुलन साध कर चल रही हैं। पिछले दिनों उन्होंने विशाल भारद्वाज की पीरियड फिल्म ‘ रंगून ’ के लिए एक गाना कोरियोग्राफ किया है। साथ ही अपनी अगली फिल्म की तैयारी में जुटी हैं। हालांकि इस मुकाम पर पहुंचने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया है। पिछले दिनों मुंबई में आयोजित मास्‍टर क्‍लास में उन्‍होंने जीवन के कई पहलुओं पर विस्‍तार से चर्चा की। फराह ने बताया , मेरे फिल्मों में आने से पहले पिता का निधन हो गया था। वह 50 और 60 के दौर में फिल्म निर्माता हुआ करते थे। मेरी मौसी हनी ईरानी और डेजी ईरानी सुपर चाइल्ड स्टार थे। हनी ईरानी के पति जावेद अख्तर थे। वे सब बेहतर स्थिति में थे। जबकि हम गरीब थे। हम सब उनकी रहनुमाई पर रहते थे। वे हमारे स्कूल की फीस देते थे। उस समय टीवी , आईपैड या इंटरनेट नहीं था। घर में फिल्मी माहौल रहता था। भाई साजिद 80 के दौर में फिल्मों का इनसाइक्लोपीडिया हुआ करता था। मैंने जलवा से बतौर बैकग्राउंड डांसर अपनी शुरुआत

फिल्‍म समीक्षा : हैप्‍पी न्‍यू ईयर

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-अजय ब्रह्मात्‍मज    फराह खान और शाह रुख खान की जोड़ी की तीसरी फिल्म 'हैप्पी न्यू इयर' आकर्षक पैकेजिंग का सफल नमूना है। पिता के साथ हुए अन्याय के बदले की कहानी में राष्ट्रप्रेम का तडका है। नाच-गाने हैं। शाहरुख की जानी-पहचानी अदाएं हैं। साथ में दीपिका पादुकोण, अभिषेक बच्‍चन, सोनू सूद, बोमन ईरानी और विवान शाह भी हैं। सभी मिलकर थोड़ी पूंजी से मनोरंजन की बड़ी दुकान सजाते हैं। इस दुकान में सामान से ज्‍यादा सजावट है। घिसे-पिटे फार्मूले के आईने इस तरह फिट किए गए हैं कि प्रतिबिंबों से सामानों की तादाद ज्‍यादा लगती है। इसी गफलत में फिल्म कुछ ज्‍यादा ही लंबी हो गई है। 'हैप्पी न्यू इयर' तीन घंटे से एक ही मिनट कम है। एक समय के बाद दर्शकों के धैर्य की परीक्षा होने लगती है। चार्ली(शाहरुख खान) लूजर है। उसके पिता मनोहर के साथ ग्रोवर ने धोखा किया है। जेल जा चुके मनोहर अपने ऊपर लगे लांछन को बर्दाश्त नहीं कर पाते। चार्ली अपने पिता के साथ काम कर चुके टैमी और जैक को बदला लेने की भावना से एकत्रित करता है। बाद में नंदू और मोहिनी भी इस टीम से जुड़ते हैं। हैंकिंग के उस्ताद

आत्मविश्वास से लंबे डग भरतेअभिषेक बच्चन

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-अजय ब्रह्मात्मज     हमेशा की तरह अभिषेक बच्चन की मुलाकात में मुस्कान तैरती रहती है। उनकी कबड्डी टीम पिंक पैंथर्स विजेता रही। इस जीत ने उनकी मुस्कान चौड़ी कर दी है। अलग किस्म का एक आत्मविश्वास भी आया है। आलोचकों की निगाहों में खटकने वाले अभिषेक बच्चन के नए प्रशंसक सामने आए हैं। निश्चित ही विजय का श्रेय उनकी टीम को है,लेकिन हर मैच में उनकी सक्रिय मौजूदगी ने टीम के खिलाडिय़ों का उत्साह बढ़ाया। इस प्रक्रिया में स्वयं अभिषेक बच्चन अनुभवों से समृद्ध हुए।     वे कहते हैं, ‘जीत तो खैर गर्व की अनुभूति दे रहा है। अपनी टीम के खिलाडिय़ों से जुड़ कर कमाल के अनुभव व जानकारियां मिली हैं। हम मुंबई में रहते हैं। सुदूर भारत में क्या कुछ हो रहा है? हम नहीं जानते। उससे अलग-थलग हैं। हमारी टीम में अधिकांश खिलाड़ी सुदूर इलाकों से थे। मैं तो टुर्नामेंट शुरू होने के दो हफ्ते पहले से उनके साथ वक्त बिता रहा था। उनसे बातचीत के क्रम में उनकी जिंदगी की घटनाओं और चुनौतियों के बारे में पता चला। उनके जरिए मैं सपनों की मायावी दुनिया से बाहर निकला। असली इंडिया व उसकी दिक्कतों के बारे में पता चला। उन तमाम दिक्कतों के

छह लूजर्स का ख्वाब है ‘हैप्पी न्यू ईयर’- शाह रुख खान

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-अजय ब्रह्मात्‍मज  - आजादी की पूर्व संध्या पर ट्रेलर लाने का कोई खास मकसद है क्या? 0 इसके टेक्निकल कारण हैैं। ‘सिंघम रिटर्न्‍स’ 15 अगस्त को रिलीज हो रही है। इसी के साथ ‘हैप्पी न्यू ईयर’ का ट्रेलर आ रहा है। वितरक और मार्केटिंग टीम ही यह फैसला करती है। फिल्म का एक अलग पहलू भी है, इसमें कमर्शियल हैप्पी पैट्रियटिक फील है। ‘हैप्पी न्यू ईयर’ बहुत बड़ी फिल्म है। इसमें फन, गेम और फुल एंटरटेनमेंट है। आमतौर पर बॉलीवुड की फिल्मों के बारे में दुष्प्रचार किया जाता है कि वे ऐसी होती हैैं, वैसी होती हैैं। फराह खान ने जब इस फिल्म की स्टोरी सुनाई, तभी यह तय किया गया कि बॉलीवुड के बारे में जो भी अच्छा-बुरा कहा जाता है, वह सब इस फिल्म में रहेगा। बस इसे इंटरनेशनल स्तर का बनाना है। पूरे साहस के साथ कहना है, जो उखाडऩा है, उखाड़ लो। हम यहीं खड़े हैैं। इस फिल्म में गाना है, रिवेंज है, फाइट है, डांस है... अब चूंकि समय बदल गया है, इसलिए सभी चीजों के पीछे लॉजिक भी है। उन्हें थोड़ा रियल रखा गया है। अब ऐसा नहीं होगा कि कमरा खोला और स्विटजरलैैंड पहुंच गए। हमने ऐसा विषय चुना, जिसमें बॉलीवुड के सभी तत्व डाले

फराह खान का रोचक इंटरव्‍यू

 फराह खान का यह इंटरव्‍यू http://thebigindianpicture.com से चवन्‍नी के पाठकों के लिए। इस जगह और भी केहतरीन इंटरव्‍यू हैं। कभी समय निकाल कर देखें,सुनें और पढ़ें।

फिल्‍म समीक्षा :शिरीन फरहाद की तो निकल पड़ी

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-अजय ब्रह्मात्‍मज संजय लीला भंसाली की बड़ी बहन बेला भंसाली सहगल की पहली फिल्म है शिरीन फरहाद की तो निकल पड़ी। बेला काफी अर्से से फिल्म बनाना चाहती थी और वे पहले भी असफल कोशिशें कर चुकी हैं। एक समय अदनान सामी के साथ तो उनकी फिल्म लगभग फ्लोर पर जाने वाली थी। बहरहाल, भाई संजय लीला भंसाली ने बहन की ख्वाहिश पूरी कर दी। बेला भंसाली सहगल ने अपने भाई से बिल्कुल अलग किस्म की फिल्म निर्देशित की है। वैसे इसे संजय लीला भंसाली ने ही लिखा है। शिरीन फरहाद.. की प्रेमकहानी मशहूर शिरीं-फरहाद की प्रेमकहानी से अलग और आज के पारसी समुदाय की है। शिरीन फरहाद.. पारसी समुदाय के दो कुंवारे प्रौढ़ों की कहानी है। फरहाद की उम्र 45 की हो चुकी है। सीधे-सादे और नेक फरहाद के जीवन में अभी तक किसी लड़की का आगमन नहीं हुआ है। मां की प्रबल इच्छा है कि उसके बेटे को एक लायक बीवी मिल जाए। बार-बार संभावित बीवियों से रिजेक्ट किए जाने के कारण फरहाद अब शादी के नाम से ही बिदक जाता है। उधर शिरीन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण शादी के बारे में सोच भी नहीं सकी है। दोनों किरदारों के घरों में कैमरे के आने के साथ हम प

जुड़े गांठ पड़ जाए

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-अजय ब्रह्मात्‍मज अभी पिछले दिनों शिरीष कुंदर ने ट्विट किया है कि झगड़े के बाद हुई सुलह से कुछ रिश्ते ज्यादा मजबूत हो जाते हैं, लेकिन मानव स्वभाव शब्दों के संविधान से निर्देशित नहीं होता। रहीम ने सदियों पहले कहा है, रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाये, टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गांठ पड़ जाये..। यह गांठ और खलिस शिरीष कुदर, फराह खान और मुमकिन है कि शाहरुख खान के मन में भी बनी रहे। शाहरुख और फराह की दोस्ती बहुत पुरानी है। दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के सेट पर सरोज खान से अनबन होने पर शाहरुख ने फराह को अपने गाने की कोरियोग्राफी के लिए बुलाया था। दिन पलटे। फराह सफल कोरियोग्राफर हो गईं। फिर शाहरुख ने ही उनकी बढ़ती ख्वाहिशों को पर दिए और मैं हूं ना डायरेक्ट करने का मौका दिया। शाहरुख के प्रोडक्शन को पहली बार फायदा हुआ, लेकिन उससे बड़ा फायदा फराह का हुआ। सफल निर्देशक के तौर पर उन्होंने दस्तक दी और शाहरुख के प्रोडक्शन की अगली फिल्म ओम शांति ओम से उनकी योग्यता मुहर लग गई। इसी बीच शिरीष का फराह के जीवन में प्रवेश हुआ। दोनों का विवाह हुआ और इसके गवाह रहे साजिद खान, साजिद नाडियाडवाला और शाहरुख। शा

क्राइम कलाकार है तीस मीर खां-फराह खान

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-अजय ब्रह्मात्मज इस मुलाकात के दिन जुहू चौपाटी पर ‘तीस मार खां’ का लाइव शो था। सुबह से ही फराह खान शो की तैयारियों की व्यस्तता में भूल गईं कि उन्हें एक इंटरव्यू भी देना है। बहरहाल याद दिलाने पर वह वापस घर लौटीं और अगले गंतव्य की यात्रा में गाड़ी में यह बातचीत की। फिल्म की रिलीज के पहले की आपाधापी में शिकायत की गुंजाइश नहीं थी। लिहाजा सीधी बातचीत ... - बीस दिन और बचे हैं। कैसी तैयारी या घबराहट है? 0 आज से पेट में गुदगुदी महसूस होने लगी है। कल तक एक्साइटमेंट 70 परसेंट और घबराहट 30 परसेंट थी। आज घबराहट 40 परसेंट हो गई है। मुझे लगता है कि रिलीज होते-होते मैं अपने सारे नाखून कुतर डालूंगी। हमने एक बड़ा कदम उठाया है। यह हमारी कंपनी की पहली फिल्म है। ऐसे में घबराहट तो बढ़ती ही है। व्यस्तता भी बढ़ गई है। आप देख रहे हो कि अपने तीनों बच्चों को लेकर मैं डबिंग चेक करने जा रही हूं। सुबह स्पेशल इफेक्ट चेक किया। फिर मछली लेकर आई। अभी बच्चों को उनकी दादी के पास छोडूंगी। डबिंग चेक करूंगी। फिर लौटते समय बच्चों को साथ घर ले जाऊंगी। उनके साथ दो घंटे बिताने के बाद जुहू चौपाटी के लाइव शो के लिए निकलूंगी। इस